नई दिल्ली। स्वच्छ गंगा (clean ganga) के लिए राष्ट्रीय मिशन National Mission (NMCG के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा(Director General Rajeev Ranjan Mishra) का दावा है कि गंगा के पानी की गुणवत्ता (Ganga water quality) में 2014 के बाद से उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
राजीव रंजन मिश्रा(Rajeev Ranjan Mishra) ने बताया कि गंगा के 97 निगरानी स्थानों में से 68 पर जैव रासायनिक ऑक्सीजन Biochemical Oxygen (BOD) स्नान मानकों के अनुरूप है। इसके अलावा पूरी नदी में घुलित ऑक्सीजन का स्तर निर्धारित न्यूनतम मानक से अधिक है। उन्होंने बताया कि 2014 में सिर्फ 32 स्थानों पर स्नान के लिए जल की गुणवत्ता बीओडी मानकों के अनुरूप थी।
जितनी ज्यादा बीओडी, नदी में उतनी कम ऑक्सीजन
बीओडी असल में जल में मौजूद बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों द्वारा इस्तेमाल होने वाली ऑक्सीजन खपत को प्रदर्शित करती है। बीओडी जितनी अधिक होती है, नदी में उतनी ही तेजी से ऑक्सीजन की कमी होती है।
ए श्रेणी में है हरिद्वार तक गंगा जल की गुणवत्ता.. गंगा में घुलित ऑक्सीजन (डीओ) निर्धारित न्यूनतम स्तर 5 मिलीग्राम/लीटर से अधिक है। जल गुणवत्ता का आकलन स्नान के लिए गुणवत्ता मानक यानी डीओ(5एमजी/लीटर), बीओडी (3एमजी/लीटर) व मल कोलीफॉर्म (एफसी) (2500 एमपीएन/100 एमएल) व पीएच (6.5-8.5) के आधार पर किया जाता है। उत्तराखंड में हरिद्वार तक नदी का जल सभी मानदंडों को पूरा करता है। ऐसे नदी जल को ए श्रेणी में रखा जाता है।
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