नई दिल्ली: एक महिला ने अपने साथी के साथ उस बैंक में ही लूट कर ली, जहां वो कई सालों से काम कर रही थी. उसने बैंक से करीब 68 करोड़ रुपये चुरा लिए और उनकी जगह कागज के टुकड़े तिजोरी में भर दिए. इस वारदात को अंजाम देने के बाद महिला प्राइवेट जेट में सवार होकर विदेश भाग गई. हालांकि, घटना के चार साल अब आरोपी महिला को फिर से देश लाया गया है. मामला रूस का है.
‘डेली स्टार’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इनेसा ब्रांडेनबुर्ग (Inessa Brandenburg) ना सिर्फ बैंक में काम करती थी, बल्कि वो उस बैंक के मालिकों में से एक थी. उसका साथी भी इसी बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में से एक था. यानी दोनों बैंक के उच्च अधिकारियों में शामिल थे, इसीलिए शुरू में किसी को उनपर शक नहीं हुआ.
साल 2018 में इनेसा ने ट्यूमेन के Siberian Bank for Reconstruction and Development की तिजोरी से करीब 67 करोड़ 49 लाख रुपये चुराकर, उसमें स्टेशनरी का सामान भर दिया था. जब तक उसकी करतूत का खुलासा होता, तब तक वो प्राइवेट जेट से देश से भाग चुकी थी. हालांकि, चार साल बाद उसे स्पेन से पकड़ा गया और अब उसे वापस रुस सुनवाई के लिए लाया गया है.
इस लूट में इनेसा अकेले नहीं थी
लूट का ये मामला तब खुला जब बैंक के क्लर्क ने देखा कि तिजोरी में पैसों की जगह कागज के टुकड़े भरे हुए हैं. पुलिस की जांच के बाद पता चला कि इनेसा ने ही पैसे कागज से एक्सचेंज किए थे और फिर पैसों को बैग में भरकर भाग गई थी. उसे पिछले चार साल से ढूंढा जा रहा था.
इस लूट में इनेसा अकेले नहीं थी. इसमें उसके साथ उसी बैंक का को-ऑनर और बोर्ड चेयरमैन रोमान्यता भी शामिल था. इस मामले में पहले ही तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और उन्हें जेल भेजा जा चुका है. घटना के चार साल बाद अब इनेसा को सुनवाई के लिए रुस लाया गया है. उसपर पहले से फ्रॉड का केस दर्ज है.
रोमान्यता को वारदात का मास्टरमाइंड बताया गया है. उसी ने कथित तौर पर इनेसा को बैंक के निदेशक मंडल की डिप्टी चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया था, ताकि कैश तक पहुंच बनाई जा सके. इनेसा ने भी कैश तक पहुंच प्राप्त करने के लिए अपनी आधिकारिक स्थिति का लाभ उठाया.
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