इंदौर। प्राधिकरण ने लवकुश चौराहा पर जो फोरलेन फ्लायओवर बनाया है उसकी एक भुजा से तो कुछ समय पूर्व यातायात शुरू कर दिया था, अब दूसरी भुजा भी तैयार हो गई है और आज-कल में इस पर से भी यातायात दौडऩे लगेगा। इस फ्लायओवर पर प्राधिकरण ने 68 करोड़ की राशि खर्च की है और इसी लवकुश चौराहा पर प्रदेश का पहला डबल डेकर फ्लायओवर भी 150 करोड़ रुपए की लागत से प्राधिकरण द्वारा ही निर्मित किया जा रहा है। इस फ्लायओवर के शुरू होने से लवकुश चौराहा पर होने वाले यातायात जाम से भी लगभग मुक्ति मिल गई है और अब सुपर कॉरिडोर, एयरपोर्ट जाना-आना आसान हो गया है।
इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा चार चौराहों पर फ्लायओवरों की सौगात दी गई है, जिसमें फूटी कोठी और भंवरकुआ का फ्लायओवर तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा लोकार्पित कर दिया गया और उसके साथ खजराना तथा लवकुश की भी एक-एक भुजा से यातायात शुरू कर दिया था। अभी पिछले दिनों खजराना फ्लायओवर की दूसरी भुजा से भी यातायात शुरू हो गया है और अब उसी तर्ज पर लवकुश चौराहा के फ्लायओवर की दूसरी भुजा से भी आज-कल में यातायात दौडऩे लगेगा। दरअसल पूर्व में एमआर-10 से सुपर कॉरिडोर जाने वाली भुजा से यातायात शुरू किया गया था और अब सुपर कॉरिडोर या एयरपोर्ट की तरफ से आने वाली भुजा भी तैयार हो गई है। प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार के मुताबिक साफ-सफाई सहित आज यह देखा जाएगा कि कहीं कुछ बाधा तो नहीं है।
हालांकि रात में लाइटिंग का भी परीक्षण कर लिया गया है और आज-कल में ही यह भुजा भी शुरू कर दी जाएगी। दूसरी तरफ डबल डेकर फ्लायओवर का काम भी तेज गति से चल रहा है। हालांकि अगले 6 महीने तक उस पर सेगमेंट लॉन्चिंग का कार्य ही चलेगा। पिछले दिनों इसकी भी विधिवत शुरू की गई। वहीं प्राधिकरण एबी रोड पर भी फ्लायओवरों की संभावना के मद्देनजर फिजिबिलिटी सर्वे करवा रहा है। बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की जा चुकी है।
हालांकि उस पर अभी न्यायालय की सहमति बाकी है, मगर एलआईजी चौराहा से लेकर पलासिया, गीताभवन और नवलखा के बीच फ्लायओवरों का निर्माण किया जाना है। फिजिबिलिटी सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि किन-किन चौराहों पर फ्लायओवर निर्मित किए जा सकते हैं। इसके अलावा 11 अन्य चौराहों पर भी फ्लायओवर की संभावनाएं तलाशी गई है। पिछले दिनों बड़े गणपति फ्लायओवर का भी भूमिपूजन करवाया गया। महूनाका के लिए अवश्य मास्टर प्लान में सडक़ की चौड़ाई बढ़ाने की मांग शासन से की गई है, जो अभी तक लम्बित है। दूसरी तरफ केबल कार का फिजिबिलिटी सर्वे भी प्राधिकरण ने करवाया है और किन रुटों पर इसे चलाया जा सकता है उस पर भी विचार-विमर्श जारी है।
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