नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि बिहार में (In Bihar) 65 प्रतिशत एसटी-एससी और ओबीसी आरक्षण (65 percent ST-SC and OBC Reservation) लागू नहीं होगा (Will not be Implemented) ।
सर्वोच्च न्यायालय ने नई आरक्षण नीति के फैसले पर पटना हाईकोर्ट के फैसले का समर्थन किया है। मुख्य याचिकाकर्ता भागवत शर्मा ने बताया कि “सुप्रीम कोर्ट में 65 प्रतिशत आरक्षण मामले में सोमवार को सुनवाई थी। कई सीनियर वकील हमारी तरफ से सम्मिलित हुए थे। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की बेंच ने 65 प्रतिशत आरक्षण मामले में पटना हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि संविधान के खिलाफ हो रहे कार्य को रोका गया है और ये आगे भी जारी रहेगा। मुख्य याचिकाकर्ता भागवत शर्मा ने कहा बिहार में 50 प्रतिशत से ज्यादा एसटी-एससी और ओबीसी आरक्षण नहीं बढ़ेगा। हम संविधान को मानने वाले लोग हैं और हमने ये कार्रवाई जीती है।
बता दें कि पटना उच्च न्यायालय ने बिहार की नई आरक्षण नीति को अवैध घोषित करते हुए इस रद्द कर दिया है। यह नीति विभिन्न सरकारी सेवाओं और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण से संबंधित थी। इस फैसले के खिलाफ बिहार सरकार ने उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की थी। विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में राज्य सरकार ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय का निर्णय गलत था और इससे राज्य की सामाजिक न्याय नीति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
राज्य बनाम भागवत कुमार मामले में, वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह, अमित आनंद और विकास कुमार प्रतिवादी की ओर से पेश हुए। उन्होंने न्यायालय के समक्ष प्रतिवादी के पक्ष को प्रस्तुत करते हुए उच्च न्यायालय के निर्णय का समर्थन किया और इसे न्यायसंगत ठहराया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved