नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल अपनी पहली विदेश यात्रा पर सोमवार 2 मई को रवाना होंगे. वह तीन देशों- जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस का दौरा करेंगे. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान उनका शेड्यूल काफी टाइट रहेगा. वह 7 देशों के 8 विदेशी नेताओं से मुलाकात करेंगे. कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे. भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे. इस तरह पीएम मोदी का 65 घंटों के अंदर 25 बैठकों और मुलाकातों का टाइमटेबल बनाया गया है.
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि अपनी विदेश यात्रा के दौरान पीएम मोदी 50 से ज्यादा ग्लोबल बिजनेस लीडर्स से मुलाकात करेंगे. भारतीय समुदाय के हजारों लोगों से भी संपर्क साधेंगे. पीएम की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब यूक्रेन संकट को लेकर रूस के खिलाफ यूरोप के ज्यादातर देश एकजुट हो चुके हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का नजरिया अब तक तटस्थ रहा है. वह जोर देकर कहता रहा है कि इस संकट का हल बातचीत से ही निकाला जा सकता है. इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र में भारत रूस के खिलाफ कई मौकों पर वोटिंग से गैरहाजिर रहा है. इस पर अमेरिका आदि देश नाखुशी भी जता चुके हैं.
विदेश यात्रा के दौरान पीएम मोदी एक-एक रात जर्मनी और डेनमार्क में गुजारेंगे. उनकी दो रातें विमान में गुजरेंगी. पेरिस में पीएम मोदी की मुलाकात फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से होगी, जो हाल ही में तगड़ी चुनावी लड़ाई में जीतकर फिर से राष्ट्रपति बने हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, बर्लिन में पीएम मोदी जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी. दोनों नेता भारत-जर्मनी अंतर सहकारी परामर्श के छठे सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे.
चांसलर शोल्ज़ ने पिछले साल एंजेला मर्केल के बाद कार्यभार संभाला था. उसके बाद उनकी पीएम मोदी के साथ ये पहली मुलाकात है. भारत और जर्मनी 2000 से ही रणनीतिक साझेदार रहे हैं. पिछले साल 2021 में दोनों ने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 साल पूरे होने का जश्न भी मनाया था. मोदी की यात्रा दोनों के बीच व्यापक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने, क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने और आपसी हित के वैश्विक मामलों पर चर्चा का माध्यम बनेगी.
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन के निमंत्रण पर कोपेनहेगन जाएंगे. जहां वह डेनमार्क द्वारा आयोजित दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस दौरान पीएम मोदी और डेनमार्क के प्रधानमंत्री के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी. पीएम मोदी महारानी मार्ग्रेथ-II से भी मुलाकात करेंगे. पीएम मोदी की डेनमार्क यात्रा का मकसद हरित सामरिक सहयोग और आपसी संबंधों को बढ़ावा देना, बहुआयामी सहयोग को आगे ले जाने पर बातचीत भी है. यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री भारत-डेनमार्क बिजनेस फोरम के कार्यक्रम में भाग लेंगे. भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी करेंगे.
दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अन्य नॉर्डिक नेताओं जैसे आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन के साथ भी बातचीत करेंगे. शिखर सम्मेलन में कोरोना महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, इनोवेशन एवं टेक्नोलोजी, नवीकरणीय ऊर्जा, विकसित वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा होगी.
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