सिवनी। जिले के पेंच टाइगर रिजर्व (Pench Tiger Reserve) में प्रथम पक्षी सर्वेक्षण (bird survey) 27 से 30 जनवरी तक सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इंदौर की संस्था वाइल्डलाइफ एन्ड नेचर कन्जरवेंसी के सहयोग से आयोजित इस सर्वेक्षण कार्य में 10 राज्यों के 65 पक्षी विशेषज्ञों ने भाग लिया। संस्था के प्रमुख राजेन्द्र बागड़ा ने आशा व्यक्त की है कि पेंच टाईगर रिजर्व में हुये इस सर्वेक्षण से 250 से अधिक प्रजातियों की उपस्थिति ज्ञात हो सकती है।
रिजर्व के उपसंचालक अधर गुप्ता ने रविवार को हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि रविवार को यहां प्रथम पक्षी सर्वेक्षण हुआ। सभी पक्षी विशेषज्ञ कर्माझिरी में 27 जनवरी को एकत्रित हुए। जहां पंजीयन कार्य पूर्ण कर 1 से 2 सदस्यों का दल गठित कर पेंच टाइगर रिजर्व के विभिन्न परिक्षेत्रों अंतर्गत चिन्हित स्थलों में भेजा गया। स्थानीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सहयोग से पक्षी विशेषज्ञ दल द्वारा ट्रांसेक्ट लाइन और ट्रेल पर चलकर पक्षी सर्वेक्षण का कार्य 28 और 29 जनवरी को सुबह और शाम की दो-दो पालियों में मोबाइल एप्लीकेशन ई-बर्ड के माध्यम से किया गया।
पक्षी सर्वेक्षण के उपरांत 30 जनवरी को सभी दल पुनः कर्माझिरी में एकत्रित हुए जहाँ सर्वेक्षण के बाद प्राप्त डेटा का संकलन कार्य किया गया। इस प्राप्त डेटा का गहनता विश्लेषण उपरांत एक विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होगी जिससे पेंच टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में पक्षियों की प्रजातियों की वास्तविक जानकारी प्राप्त होगी।
वाइल्डलाइफ एन्ड नेचर कन्जरवेंसी संस्था (Wildlife and Nature Conservancy Society) के प्रमुख राजेन्द्र बागड़ा ने जानकारी दी है कि इस अंतिम रिपोर्ट तैयार होने में लगभग 3 माह का समय लग सकता है साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी सर्वेक्षण के दौरान स्थानीय प्रजातियों के साथ-साथ प्रवासी पक्षियों की भी बहुत सी प्रजातियां दिखाई दी हैं एवं कुछ अत्यंत कम दिखने वाली प्रजातियां जैसे टिकल्स थ्रश, बल्यथ पिपिट, टिकल्स लीफ वार्बलर, फेरुजीनस डक, ब्लैक कैप्ड थ्रश, ग्रिफ्फन वल्चर, ब्लैक कैप्ड किंगफिशर आदि इस सर्वेक्षण के दौरान पाई गई हैं।
उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस सर्वेक्षण से 250 से अधिक प्रजातियों की उपस्थिति ज्ञात हो सकती है। संस्था के सदस्य राजेश मंगल ने सम्पूर्ण सर्वेक्षण कार्य मे पेंच प्रबंधन द्वारा की गई तैयारियों एवं अधिकारियों कर्मचारियों की भूमिका की सराहना की है।
टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक अशोक कुमार मिश्रा ने वाइल्डलाइफ एन्ड नेचर कन्जरवेंसी संस्था एवं सर्वेक्षण हेतु पधारे समस्त पक्षी सर्वेक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित किया और विश्वास दिलाया कि इस सर्वेक्षण के उपरांत प्राप्त रिपोर्ट निश्चित ही पक्षी प्रबंधन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी, इससे प्रबंधन हेतु नए कार्य करने के अवसर मिलेंगे और पेंच टाइगर रिजर्व जो कि वर्तमान में अपने टाइगर्स के लिए जाना जाता है वो निकट भविष्य में पक्षियों के लिए भी पहचाना जाएगा। एजेंसी
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