इंदौर। इंदौर जिले के कोटवारों को वर्दी, टार्च और जूते मिलेंगे। इसके लिए शासन द्वारा राशि जारी कर दी गई है। इंदौर के शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्र महू (rural area mhow), सांवेर (sober), देपालपुर एवं हातोद (Depalpur and Hatod) के तहसीलदारों को आदेश दिए गए हैं कि कोटवारों के बैंक खाते में राशि जारी करें।
आदेश में यह भी हवाला दिया गया है कि राशि जारी करने में किसी प्रकार की लेटलतीफी नहीं करें, ताकि जल्द से जल्द कोटवार वर्दी, जूते व टॉर्च खरीद सकें। इंदौर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के कोटवारों की वर्दी खरीदी पर 14 लाख 75 हजार खर्च किए जाएंगे। इसी प्रकार 2 जोड़ी जूते पर 5 लाख 18 हजार 700 रुपए तो टॉर्च खरीदी पर 4 लाख 24 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे।
सबसे ज्यादा देपालपुर में 194 कोटवार…दूसरे नंबर पर सांवेर
प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक सबसे ज्यादा कोटवार देपालपुर क्षेत्र में 194 हैं। उनकी वर्दी पर 4 लाख 57 हजार 840 रुपए, टॉर्च खरीदी पर 1 लाख 34 हजार 830 तथा जूते की खरीदी के लिए 1 लाख 61 हजार की राशि दी जाएगी। इसी प्रकार सांवेर तहसील के कुल 134 कोटवारों को वर्दी खरीदी के लिए 3 लाख 16 हजार 240, जूते खरीदी के लिए 1 लाख 11 हजार 220 तथा टॉर्च खरीदी के लिए 93 हजार 130 रुपए दिए जाएंगे। इंदौर तहसील के 125 कोटवारों की वर्दी पर 2 लाख 95 हजार, जूते पर 1 लाख 3 हजार 750 रुपए तथा टॉर्च पर 86 हजार 875 रुपए खर्च किए जाएंगे।
सबसे कम हातोद क्षेत्र में
शासन द्वारा सबसे कम हातोद तहसील के 70 कोटवारों को वर्दी के लिए 1 लाख 65 हजार, टॉर्च के लिए 48 हजार 650 रुपए तथा जूते के लिए 58 हजार दिए जाएंगे। महू तहसील के 102 कोटवारों की वर्दी 2 लाख 40 हजार 750, टॉर्च 70 हजार 800 तथा जूते 84 हजार 660 में खरीदे जाएंगे।
रखवाली करते हैं कोटवार
गांव की रखवाली में कोटवारों की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण रहती है। गांव की रक्षा में तैनात तो रहते हैं, गांव की बारीकी से जानकारियां भी रहती हैं, इसलिए प्राकृतिक आपदा बाढ़, आंधी, तूफान और ओला-पाला आने पर राजस्व अधिकारी इन्हें साथ लेकर गांव में जाकर सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved