नई दिल्ली। यूरोप में जारी कोविड महामारी के बीच जर्मनी में कोरोना टीकाकरण में फर्जीवाड़े व जाली कोरोना प्रमाण पत्र बनाकर बेचने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। खबर है कि 60 साल के एक व्यक्ति ने टीकों के जाली प्रमाण पत्र बेचकर कमाई करने के लिए 90 बार टीकों की खुराक लगवा ली। आखिरकार टीकों का यह जालसाज हाल ही में जर्मन पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
हालांकि उसे अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। वह उन लोगों के वैक्सीन प्रमाण पत्र बेचता था, जो टीके नहीं लगवाने चाहते हैं। बहरहाल जर्मनी में यह फर्जीवाड़ा करने वाले इस मास्टर माइंड से पूछताछ जारी है। दरअसल उसे फर्जी वैक्सीन प्रमाणपत्र बनाने के लिए हर बार टीके के बैच नंबर की जरूरत होती थी। इस अलग-अलग बैच नंबर हासिल करने के लिए उसने खुद ही बार-बार खुराक लेना शुरू कर दिया।
इस तरह पकड़ में आया
यह व्यक्ति जर्मनी के पूर्वी प्रांत सैक्सोनी का रहने वाला है। उसे एलेनबर्ग के एक टीकाकरण केंद्र पर उस वक्त पकड़ा गया, जब लगातार दूसरे दिन वैक्सीन लेने के लिए कतार में लग गया था। पुलिस ने उसके पास से कई कोरे और जाली कोरोना प्रमाण पत्र भी बरामद किए हैं। उसके खिलाफ जालसाजी की कार्रवाई जारी है।
खुद की सेहत का क्या हुआ हाल?
जर्मन न्यूज एजेंसी डीपीए का कहना है कि इस व्यक्ति ने अलग अगल ब्रांड के कोरोना टीकों की 90 खुराक ली है। इससे उसकी सेहत पर क्या असर पड़ा है, यह भी डॉक्टरों के लिए जांच का विषय है। महामारी के प्रकोप के बाद भी जर्मनी में कई लोग टीके लगवाने को तैयार नहीं है। ऐसे लोग ही होटलों, स्विमिंग पूल, दफ्तर व अन्य स्थानों पर अनिवार्य वैक्सीन प्रमाण पत्र की पूर्ति इस तरह के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर करते हैं।
जर्मनी में कुछ सप्ताह से कोरोना मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट बीए.2 के कारण संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गत रविवार को 74 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि इससे एक सप्ताह पहले 1.11 लाख से ज्यादा केस मिले थे। जर्मनी में कोरोना से अब तक 1.30 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
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