सीहोर। जिले में लंपी वायरस ने दस्तक दे दी है। इसका पहला केस रेहटी क्षेत्र में मिला इसके बाद नसरूल्लागंज और आष्टा क्षेत्र में भी लंपी वायरस के पशु चिन्हित हुए हैं। ऐसे में जिला पशु चिकित्सा विभाग ने जिले के सात गांवो को लंपी बीमारी से ग्रसित घोषित किया है। लंपी बीमारी से ग्रसित पशुओ वाले गांव में सबसे पहले टीकाकरण किया जाएगा। अभी इसकी शुरूआत वृहद स्तर से नहीं हो सकी है। हालांकि जहां लंपी बीमारी से ग्रसित पशु मिले हैं वहां पर टीकाकरण शुरू हो गया है। जिला पशु चिकित्सा विभाग को जिले में लंपी बीमारी को कंट्रोल करने के लिये दिशा निर्देश जारी कर दिये गये हैं। इसके साथ ही हाल ही में जिले में पशु मेले व पशु हाट बाजार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, वहीं परिवहन पर भी रोक लगा दी गई थी, लेकिन जिले में लंपी वायरस ने दस्तक दे दी। अभी तक 10 लंपी बीमारी से ग्रसित पशु चिन्हित हो चुके हैं। जिनका उपचार शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही जिन गांवो में यह पशु चिन्हित हुए हैं ऐसे करीब सात गांव हैं जहां पर टीकाकरण का काम भी शुरू कर दिया गया है। जिले को शासन की तरफ से पहले चरण में साठ हजार टीके मिले हैं। यह टीके लंपी बीमारी से ग्रसित पशुओ को पहली प्राथमिकता में लगाए जाएंगे। इसके साथ इस पशु के आसपास विचरण करने वाले पशु व संबंधित गांव में टीके लगाने का कार्य किया जाएगा। हालांकि इसकी र तार अभी बहुत धीमी है।
पशु पालक चिंतित
अभी तक जिले में पशुओ को वेक्सीनेशन को लेकर शिविर शुरू नहीं हो सकें है। इससे किसानों और पशु पालको को अपने मवेशियों को इस लंपी बीमारी से बचाने की चिंता हो रही है। जिला पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक एकेएस भदोरिया ने बताया कि पहले चरण में 60 हजार टीके मिले हैं। इसके बाद जरूरत पड़ी तो शासन की तरफ से और टीके मिल जाएंगे। मध्यप्रदेश में टीके पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि जिले में पशुओ का टीकाकरण विस्तार से नहीं किया जाएगा। हालांकि जिन क्षेत्रो में पशुओ में लंपी बीमारी के लक्षण मिले हैं और ऐसे पशु चिन्हित हुए हैं उन पशुओ पर टीकाकरण किया जाएगा। इसके साथ ही जिन गांवो में लंपी बीमारी के पशु चिन्हित होंगे उस घर के आसपास के पशुओ का टीकाकरण किया जाएगा।
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