अरबिन्दो हॉस्पिटल के डॉक्टर विनोद भंडारी ने दिए प्रधानमंत्री को सुझाव
प्रदेश से एक मात्र डॉक्टर वीडियो कान्फ्रेंस में हुए शामिल
इंदौर। पिछले साल जब कोरोना संक्रमण शुरू हुआ था और कर्फ्यू-लॉकडाउन लगाना पड़ा तब भी मरीजों की मौतें हुई थी, लेकिन उस दौरान इतने अधिक गंभीर मरीज नहीं मिले थे। जबकि दूसरी लहर में जहां तेजी से मरीजों की संख्या हर 24 घंटे में बढ़ रही है, वहीं 60 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन (Oxygen) देना पड़ रही है और इनमें से भी 35 प्रतिशत मरीजों को आईसीयू की जरूरत लग रही है।
अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कल वीडियो कान्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के माध्यम से देशभर के चुनिंदा चिकित्सकों के साथ कोरोना नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें पूरे मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) से श्री अरविन्दो मेडिकल कालेज एवं पीजी इंस्टीट्यूट के फाउंडर चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी (Dr. Vinod Bhandari) को ही आमंत्रित किया गया। प्रधानमंत्री ने देश के प्रमुख चिकित्सकों से सुझाव मांगे, जिसमें डॉ. भंडारी ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए। नीति आयोग के डॉ. वीके पाल द्वारा आयोजित इस वीडियो कान्फ्रेंस में डॉ. देवी शेट्टी, डॉ. नरेश त्रेहान सहित अन्य चिकित्सकों ने भी कोरोना से प्रभावी नियंत्रण हेतु अपने सुझाव सौंपे। डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि श्री अरविन्दो हॉस्पिटल (Aurobindo Hospital) ने ना सिर्फ मालवा, बल्कि गुजरात, राजस्थान और अन्य प्रदेशों से आए मरीजों का भी इलाज कर उन्हें कोरोना से स्वस्थ कर घर भेजा। अभी हॉस्पिटल के सभी 1400 बिस्तरों को कोरोना मरीजों के लिए समर्पित कर सभी का इलाज किया जा रहा है। डॉ. भंडारी के मुताबिक गत वर्ष 40 फीसदी कोरोना मरीजों को ही ऑक्सीजन (Oxygen) की आवश्यकता पड़ रही थी और इसमें भी 20 प्रतिशत अतिगंभीर श्रेणी के थे, लेकिन वर्तमान में 60 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन (Oxygen) की और इनमें से 35 प्रतिशत को आईसीयू की जरूरत पड़ रही है।
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