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  • उज्जैन में 6 हजार लोगों के पास लायसेंसी हथियार

  • March 06, 2022

    • प्रदेश में हथियार रखने के मामले में उज्जैन तीसरे स्थान पर
    • बंदूक और रिवाल्वर के लायसेंस हैं लोगों के पास-रिवाल्वर का लायसेंस रौब झाडऩे के लिए भी लेते हैं लोग

    उज्जैन। प्रदेश के दूसरे शहरों की तरह उज्जैन में लायसेंसी बंदूक और रिवाल्वर के हजारों लायसेंस हैं पूरे जिले में 6 हजार से अधिक लोगों के पास हथियारी लायसेंस हैं और कई लोगों ने तो झाँकी जमाने के लिए लायसेंस ले रखे हैं। आने वाले दिनों में लायसेंसी हथियारों में और कटौती होगी। प्रदेश के अन्य जिलों से तुलना की जाए तो उज्जैन में हथियारों की संख्या फिलहाल जनसंख्या के मान से काफी कम है। प्रदेश के ही ग्वालियर में हथियार की संख्या 33 हजार के पार है वहीं दसवीं क्षेत्र भिंड मुरैना में हथियारों की संख्या 53 हजार के पार है। उज्जैन में वर्तमान आंकड़े की बात की जाए तो हथियारों की संख्या 6150 है। इस संबंध में जानकारी ली गई कि अन्य जिलों की तुलना में उज्जैन में हथियारों की संख्या कम क्यों है तो संबंधित अधिकारियों ने बताया कि यहां भी 3 साल पहले हथियारों की संख्या 10000 पार हो गई थी लेकिन तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने अपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों के हथियार के लाइसेंस निरस्त कर दिए थे, इसके चलते करीब 4000 लाइसेंस निरस्त हुए थे।


    कोरोना काल के दौरान भी वर्तमान कलेक्टर आशीष सिंह ने करीब 4000 आवेदन हथियार के लिए जो विभिन्न अनुशंसाओं के साथ लगे थे। एक साथ निरस्त कर दिया, ऐसे में बीते 3 सालों में मात्र डेढ़ सौ लाइसेंस ही बन पाए हैं और आंकड़ा 6150 तक ही पहुंचा है वर्तमान की बात की जाए तो इस समय करीब 2 हजार से अधिक हथियार के लाइसेंस के आवेदन पेंडिंग पड़े हैं। प्रतिमाह डेढ़ सौ आवेदन एडीएम कार्यालय में हथियार के लिए आते हैं। वैसे उज्जैन जिले की जनसंख्या की बात की जाए तो वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या 18 लाख के करीब थी और अब 11 साल बाद लगभग 25 लाख के आसपास पहुंच गई होगी। इस जनसंख्या के मान से यदि हथियारों का आंकड़ा देखा जाए तो लगता है कि उज्जैन जिले में लोगों को हथियार का शौक कम है।

    नेताओं और अफसरों के पास भी है लायसेंसी हथियार
    जिले में हथियार संपन्न और राजनीति करने वालों के पास ही ज्यादा संख्या में है। राजनीतिक दलों में बात की जाए तो उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, पूर्व प्राधिकरण अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, विधायक पारस जैन, सांसद अनिल फिरोजिया, भाजपा नगर अध्यक्ष विवेक जोशी, पूर्व विधायक राजेंद्र भारती सहित कई अन्य भाजपा नेताओं के पास बंदूक और पिस्टल के लाइसेंस है वही कांग्रेस की बात की जाए तो बटुक शंकर जोशी सहित कांग्रेसी विधायकों और नेताओं के पास हथियार है। वहीं अधिकारियों में भी कलेक्टर एस पी एस डी एम एवं अन्य कई अधिकारियों के पास हथियार के लाइसेंस है। उल्लेखनीय है कि राजनीति से जुड़े कई लोगों ने विवादों के कारण भी खुद की रक्षा का हवाला देकर लायसेंसी हथियार ले रखे हैं।

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