विकास की हड़बड़ी भी… मामला महूनाका चौराहा पर 81 करोड़ में बनने वाले फ्लायओवर का… शासन ने अभी तक सडक़ चौड़ाई बढ़ाने पर कोई निर्णय नहीं लिया
इंदौर। प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में कल 320 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की मंजूरी तो दी गई, मगर इस हड़बड़ी में कुछ ऐसे प्रोजेक्ट भी मंजूर कर दिए जिसको अमल में फिलहाल लाया नहीं जा सकेगा। जैसे महू नाका चौराहा पर सिक्स लेन फ्लायओवर 81 करोड़ का मंजूर किया गया है। जबकि मौजूदा सडक़ की चौड़ाई ही मात्र 30 मीटर यानी 100 फीट ही है और शासन ने 150 फीट चौड़ाई करने के प्रस्ताव पर बीते 7 माह से कोई निर्णय नहीं लिया है। दूसरी तरफ बोर्ड ने फ्लायओवर की प्रशासकीय स्वीकृति कल दे डाली। उसके साथ ही मरीमाता चौराहा के फ्लायओवर के लिए 44 करोड़ और बड़ा गणपति के लिए 38.50 करोड़ भी मंजूर किए हैं। वहीं शहर में केबल कार चलाने का सपना भी फिर से दिखाया गया है, जिसके लिए फिजिबिलिटी स्टडी होगी।
प्राधिकरण बोर्ड द्वारा विकास कार्यों की हड़बड़ी भी कम नहीं दिखाई जाती। मास्टर प्लान की ही कई सडक़ों के टेंडर सालभर पहले मंजूर होकर काम भी शुरू करवा दिए। मगर अतिक्रमण हटाने से लेकर अन्य बाधाएं दूर नहीं की गई, जिसका उदाहरण तुलसी नगर नाले से एडवांस एकेडमी तक बनाई जाने वाली सडक़ भी है। इसी तरह महू नाका चौराहा पर 6 लेन के फ्लायओवर का निर्णय भी ले लिया। जबकि वर्तमान में सडक़ ही इतने चौड़े फ्लायओवर के लिए मौजूद नहीं है। मास्टर प्लान में 30 मीटर यह रोड है और वर्तमान में तो उतनी भी जगह मौके पर उपलब्ध नहीं है और इसे 45 मीटर यानी 150 फीट चौड़ा किए बिना सिक्स लेन का फ्लायओवर बन ही नहीं सकता। यही कारण है कि प्राधिकरण ने इस फ्लायओवर निर्माण के लिए संकल्प क्रमांक 99, दिनांक 13.07.2023 मंजूर करते हुए गंगवाल बस स्टैंड से कलेक्टर कार्यालय तक के मार्ग की चौड़ाई 30 की बजाय 45 मीटर करने का प्रस्ताव शासन को भिजवाया। मगर बीते 7 महीने से शासन से अभी तक स्वीकृति ही अप्राप्त है और दूसरी तरफ कल बोर्ड ने 81.30 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति सिक्स लेन फ्लायओवर निर्माण के लिए मंजूर भी कर डाली। अब सवाल यह है कि जब मौके पर सडक़ की चौड़ाई ही उपलब्ध नहीं है तो फ्लायओवर बनेगा कैसे और फिर इसकी लागत अलग बढ़ जाएगी। मगर चूंकि राजनीतिक दबाव-प्रभाव है, जिसके चलते फ्लायओवर को मंजूरी देना पड़ी। वहीं केबल कार संचालन के लिए भी कंसल्टेंट की नियुक्ति करने और फिजिबिलिटी स्टडी भी करवाई जाएगी कि शहर के किन क्षेत्रों में यह केबल कार प्रोजेक्ट लाया जा सकता है। इसी तरह बाणेश्वरी धाम के जीर्णोद्धार के लिए 12.93 करोड़ की मंजूरी दी गई, तो टीपीएस-3 में लसूडिय़ामोरी, तलावलीचांदा, अरण्ड्या और मायाखेड़ी में हाईटेंशन लाइनों की शिफ्टिंग पर 2 करोड़ 34 लाख रुपए और गांधी नगर जंक्शन से लवकुश जंक्शन तक सेंट्रल वर्ज में क्रैश बैरियर निर्माण पर 8 करोड़ 30 लाख रुपए के टेंडर भी मंजूर किए गए। इसी तरह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जो स्विमिंग पुल प्राधिकरण ने बनवाया, उसके अतिरिक्त कार्य के 31 करोड़ के अलावा निर्माणाधीन अंतरराज्यीय बस टर्मिनल के लिए भी 100 करोड़ से ज्यादा की पुनरीक्षित प्रशासकीय मंजूरी दी गई है।
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