- प्रायवेट अस्पतालों में जाँच कराने वालों की तो गिनती ही नहीं
उज्जैन। ठंड बढऩे के बाद भी शहर में डेंगू मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। हर दिन सात से आठ लोग डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। शनिवार को सेंट्रल लैब में 9 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इस साल अब तक डेंगू मरीजों की संख्या 925 के पार हो चुकी है। चौंकाने वाली बात यह है कि मौसम प्रतिकूल होने के बावजूद हर पांचवा सैंपल पॉजिटिव निकल रहा है। शनिवार को 50 सैंपलों में9 सैंपल पॉजीटिव पाए गए। डेंगू का प्रकोप अब पूरे शहर में हो गया है। रोकथाम में 110 से ज्यादा कर्मचाारियों के लगने के बाद भी मरीजों की संख्या नहीं घट रही है। शहर के एक दर्जन क्षेत्र ऐसे है। जिन्हें अतिसंवेदनशील माना गया है। इन क्षेत्र में डेंगू मरीजों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एस. के. अखंड ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अलावा तृतीय श्रेणी कर्मचारी संघ की 4 टीमें भी अलग-अलग इलाके में लार्वा सर्वे कर रही हैं। मलेरिया विभाग की टीम भी लगातार काम में जुटी हैं।
शहर में अभी केवल चरक अस्पताल की सेट्रल लैब में डेंगू की जाँच की नि:शुल्क व्यवथ्सा जबकि निजी अस्पतालों में डेंगू की जांच के 900 से 1200 रुपए तक लिए जा रहे हैं। जांच के रेट में एकरूपता नहीं होने के कारण कई लोग परेशान होते हैं। विशेष तौर पर एक आम आदमी के बजट से यह जांच बाहर हो जाती है, क्योंकि एक बार जांच और उसके इलाज के बाद डॉक्टर फिर से डेंगू की जांच लिख देते हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि मरीज में डेंगू के कीटाणु खत्म हुए या नहीं? शहर में अभी भी डेंगू के मरीज हर दिन मिल रहे हैं। बुखार आने के बाद हाथ-पैरों में दर्द जैसी समस्या लगभग हर दूसरे घर में चल रही है। इसी के लिए डॉक्टर डेंगू की जांच लिख देते हैं, लेकिन शहर में जांच के अलग-अलग रेट होने से आम आदमी परेशान हो जाता है। जांच शुल्क तय नहीं होने के कारण शहर में डेंगू की जांच के 400 से लेकर 1500 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। हालांकि कई डॉक्टर डेंगू पॉजिटिव देखने के लिए सीबीसी करवा लेते हैं। उसमें डब्ल्यूबीसी (व्हाइट ब्लड सेल) देखकर पता लगा लेते हैं कि डेंगू तो नहीं है, क्योंकि ऐसी स्थिति में डब्ल्यूबीसी कम होते जाते हैं। यह जांच साढ़े तीन सौ से चार सौ रुपए में हो रही है। फिर भी डॉक्टर की शंका दूर नहीं होती है तो फिर डेंगू प्रोफाइल करवाया जाता है, जिसकी जांच महंगी होती है।