नई दिल्ली। सोमवार 30 मई को एक साथ तीन त्योहार (three festivals) होने के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति (everlasting good fortune) के लिए वट सावित्री व्रत रखेंगी। इसके साथ अलावा शनिदोष से पीड़ित जातक शनिदेव (Shani Dev) को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती पर विशेष उपाय करेंगे। इसी दिन सोमवती अमावस्या का भी शुभ संयोग बन रहा है। सोमवार के दिन अमावस्या होने के कारण सोमवती अमावस्या कहा जाता है।
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के दिन गरीबों को दान देने से पितृदेवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। एक ही दिन में अनेक देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए इस दिन को बेहद खास माना जा रहा है। सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में अमावस्या तिथि आरंभ होगी। इसके अलावा इस दिन बुधादित्य, वर्धमान, सुकर्मा और केदार नाम के भी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन वृषभ राशि में सूर्य व बुध की युति होने से बुधादित्य योग नामक राजयोग बन रहा है। 30 मई को एक साथ 6 शुभ योग का निर्माण हो रहा है।
इस दिन शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान रहेंगे। देवगुरु बृहस्पति भी अपनी स्वराशि मीन में रहेंगे। इन दोनों ग्रहों के अपनी स्वराशि में होने से कुंभ व मीन राशि वालों को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। इस साल सोमवती अमावस्या 30 मई 2022, सोमवार को पड़ रही है। सोमवार का दिन चंद्रमा का होता है। चंद्रमा औषधि, धन और मन का कारक माना गया है। वहीं अमावस्या तिथि पितरों की मानी जाती है।
शास्त्रों के अनुसार, पितरों का निवास चंद्रमा के पिछले भाग में होता है। इसलिए पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि जरूर करना चाहिए। इस दिन चंद्रमा उच्च राशि वृषभ में होने के कारण शुभ फल प्रदान करेंगे। वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं। शुक्र का सूर्य व चंद्रमा के साथ मित्रता का भाव है। ग्रहों की स्थिति से मनचाही सफलता हासिल हो सकती है।
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