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सस्ता नहीं होगा 5G प्लान, 15-20% तक टैरिफ बढ़ा सकती हैं मोबाइल कंपनियां

November 09, 2022

डेस्क: अगर आपको लगता है कि 4जी के रेट में ही 5जी (5G service) प्लान मिल जाएगा और आप सेकंडों में पूरी मूवी डाउनलोड कर लेंगे, तो ऐसा नहीं है. अपने मोबाइल में 5जी नेटवर्क चलाने के लिए आपको 4जी की तुलना में अधिक जेब ढीली करनी होगी. तब जाकर आपको 5जी का आनंद मिलेगा और अल्ट्रा हाई स्पीड इंटरनेट का मजा ले पाएंगे. 5जी सर्विस को रोलआउट करना यानी कि 5जी मोबाइल सर्विस की लॉन्चिंग भी इतनी आसान नहीं. इसमें करोड़ों रुपये का खर्च होना है जिसके लिए सभी टेलीकॉम कंपनियां दिन-रात माथापच्ची कर रही हैं. माना जा रहा है कि 5जी सर्विस के रोलआउट का खर्च निकालने के लिए टैरिफ रेट बढ़ाए बिना दूसरा कोई विकल्प नहीं.

5जी सर्विस को शुरू करने के लिए मोबाइल कंपनियां अपने टैरिफ में 15 से 20 परसेंट की बढ़ोतरी कर सकती हैं. पिछली बढ़ोतरी नवंबर 2021 में हुई थी. यह लगभग साल भर पूरा होने को है जिससे टैरिफ बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है. कई महीनों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि मोबाइल कंपनियां अपना घाटा पाटने और 5जी सर्विस को शुरू करने के लिए टैरिफ बढ़ा सकती हैं. इसके पीछे तर्क यह दिया जाता है कि पूरी दुनिया में मोबाइल टैरिफ भारत में ही सबसे सस्ता है जबकि इस्तेमाल में भारत ने अच्छे-अच्छे देशों को पीछे छोड़ दिया है.


टेलीकॉम कंपनियों ने 5G सर्विस का रोलआउट शुरू कर दिया है और कई शहरों में दिवाली से पहले इसका ट्रायल रन लॉन्च हो चुका है. देश के 8 शहरों में यह सेवा शुरू है, हालांकि सबको सुविधा नहीं मिल रही बल्कि चुनिंदा ग्राहक इसका फायदा उठा रहे हैं. अब पूरे देश में 5जी सर्विस शुरू होने जा रही है जिस पर करोड़ों रुपये का खर्च आएगा. इसके लिए कंपनियों ने लोन लिया है और निवेशकों से भी पैसे लिए हैं. माना जा रहा है कि 5जी सर्विस शुरू करने के लिए कंपनियों को 1.5 से 2 लाख करोड़ पर का निवेश करना होगा. यह काम बिना लोन, निवेश और टैरिफ बढ़ोतरी के संभव नहीं है.

फिच रेटिंग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मोबाइल कंपनियां टैरिफ में 15 से 20 परसेंट की बढ़ोतरी कर सकती हैं. इसके अलावा, जेएम फाइनेंशियल ने कहा है कि टेलीकॉम कंपनियां दो से तीन किस्तों में दरें बढ़ा सकती हैं ताकि ग्राहकों पर एकमुश्त बोझ न पड़े. बोझ पड़ने से ग्राहक इधर-उधर छिटक सकते हैं. हाल के दिनों के बयानों पर गौर करें तो पता चलेगा कि हर टेलीकॉम कंपनी टैरिफ बढ़ाने के पक्ष में है और इस पर विचार किया जा रहा है.

हाल में Vodafone-idea के CEO ने भी दरें बढ़ाने की वकालत की है. यह कंपनी भारी घाटे से गुजर रही है, लिहाजा इसके पास दरें बढ़ाने के सिवा कोई और रास्ता नहीं बचता. कंपनी पर करोड़ों रुपये का लोन भी है जिसकी भरपाई करने पर ही 5जी सर्विस की शुरुआत हो सकेगी. पिछली बढ़ोतरी नवंबर 2021 में हुई थी. पिछले साल 20 से 25 परसेंट तक दरें बढ़ी थीं. अभी टेलीकॉम कंपनियों का ARPU 162 रुपये है. आरपू का अर्थ ये होता है कि टेलीकॉम कंपनी प्रति ग्राहक कितने रुपये की कमाई करती है. इसी आरपू को बढ़ाने की कवायद चल रही है. पोस्टपेड प्लान पर भी 20 परसेंट तक दरें बढ़ सकती हैं.

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