उज्जैन: सिंहस्थ 2028 (Simhastha 2028) के लिए मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) बड़े पैमाने पर तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि इस बार का सिंहस्थ का महापर्व पूरा विश्व देखेगा. इसे लेकर सरकार ने कई कार्यो को स्वीकृति दे दी है, जबकि कुछ कार्य तो शुरू भी हो चुके हैं. सिंहस्थ 2028 के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल समिति की प्रथम बैठक में सिंहस्थ मद और विभागीय मद से विभिन्न विभागों के 5882.14 करोड़ रुपये लागत के इन्फ्रास्टक्चर वर्क को स्वीकृति दी गई है.
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जल संसाधन विभाग अंतर्गत 29.21 कि मी घाट निर्माण के लिए 778.91 करोड़ रुपये, 30.15 किलोमीटर कान्ह नदी डायवर्सन के लिए 1024.95 करोड़ रुपये, शिप्रा नदी में जल निरंतर प्रवाह योजना ( सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी डैम) के लिए 614.53 करोड़ रुपये, कान्ह नदी पर प्रस्तावित 11 बैराजों के निर्माण के लिए 43.51 करोड़ राशि की स्वीकृति मिली है.
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग अंतर्गत 198 करोड़ की लागत से उज्जैन शहर की सीवरेज परियोजना, ऊर्जा विभाग अंतर्गत 250 करोड़ की लागत से अति उच्च दाब नवीन ईएचवी उपकेंद्र, 16.8 करोड़ की लागत से अति उच्चदाब केंद्र क्षमता वृद्धि, 29.83 करोड़ की लागत से नवीन 33/11 के व्ही उपकेंद्र, 4.5 करोड़ रुपये की लागत से 33 के व्ही लाइन एवं इंटर कनेक्शन एवं नवीन उपकेंद्र से संबंधित कार्य और 10.8 करोड़ की लागत से भूमिगत केबल कार्य की स्वीकृति मिली हैं.
लोक निर्माण विभाग अंतर्गत 18 करोड़ रुपये की लागत से शंकराचार्य चौराहा से दत्त अखाड़ा, भूखी माता, उजड़ खेड़ा हनुमान से उज्जैन बड़नगर मार्ग, 18 करोड़ की लागत से खाक चौक वीर सावरकर चौराहा, गढ़ कालिका, भृहतरी गुफा से रणजीत हनुमान तक मार्ग निर्माण शिप्रा नदी पर पुल सहित सहित अन्य कार्य स्वीकृत किए गए हैं.
कलेक्टर ने बताया कि 1692 करोड़ की लागत से इंदौर उज्जैन विद्यमान चार लेन मार्ग का 6 लेन और 950 करोड़ की लागत से इंदौर उज्जैन ग्रीन फील्ड चार लाइन परियोजना का हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर निर्माण, संस्कृति विभाग अंतर्गत 75 करोड़ की लागत से महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थित फाइबर की प्रतिमाओं के स्थान पर पाषाण प्रतिमाओं का निर्माण स्थापना एवं आवश्यक विकास कार्य और 25 करोड़ की लागत से कुंभ संग्रहालय कालगणना शोध केंद्र उज्जैन का अनुरक्षण एवं विकास कार्य की स्वीकृति दी गई हैं.
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