नई दिल्ली: उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से भारी बारिश, बाढ़ और चट्टानें खिसकने से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. मौसम विभाग ने पहले ही अंदेशा जताया था कि 14 अगस्त तक छह जिलों में भारी बारिश होगी. ऐसे में कई जगहों पर आवागमन पूरी तरह से ठप है. हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि इस आपदा में कितने लोगों ने जान गंवाई है, इसका सही-सही आंकड़ा अभी तक सामने नहीं आया है. अनुमान है कि 58 लोगों की मौत हो गई है. सरकार आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य कर रही है.
मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अगले तीन दिनों तक राज्य में मौसम खराब रहने वाला है. टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, उधम सिंह नगर और चंपावत में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर रखा है. कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन को हर संभव मदद करने का आदेश जारी कर रखा है.
सैकड़ों मवेशी बह गये
उत्तराखंड में आपदा के चलते अब तक 58 लोग गंवा चुके हैं. इनमें ज्यादातर बाहर से आए सैलानी और श्रद्धालु हैं. हालात को देखते हुए खराब मौसम वाले इलाके में पर्यटकों को जाने से रोक दिया गया है. बाढ़ और बारिश में इंसानों के साथ-साथ सैकड़ों मवेशियों की भी जान चली गई है. जिनमें 62 बड़े मवेशी, 462 छोटे मवेशी और पोल्ट्री फॉर्म्स हैं. जगह-जगह मलबा बिखरा है और जल जमाव है.
637 करो़ड़ का नुकसान
आपदा प्रबंधन विभाग से मिले आंकड़ों पर नजर डालें तो भारी बारिश से उत्तराखंड में अब तक 637 करोड़ का नुकसान हो चुका है. 58 लोगों की मौत के अलावा 37 लोग घायल हैं जबकि 19 लोग अभी भी लापता है. हालांकि प्रशासन की तरफ से लापता लोगों की तलाश की जा रही है. आपदा काल मे बहुत से घर भी तबाह हो चुके हैं.
देहरादून में भी दहशत
देहरादून प्रदेश की राजधानी है लेकिन यहां चारों तरफ पानी ही पानी है. मौसम विभाग ने यहां के लिए भी अलर्ट जारी कर रखा है. शनिवार सुबह 11 बजे से देर रात तक लगातार बारिश होती रही. जिसके चलते यहां के रिहाइशी इलाकों से लेकर बाजार तक में पानी भरे हैं. भारी बारिश से नदी, नालों में उफान है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved