भोपाल। दमोह (Damoh) में पिछले महीने हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान 57 शिक्षकों ( Teachers) की मौत का मामला प्रकाश में आया है। इनमें से 41 शिक्षकों की मौत की वजह कोरोना संक्रमण (Corona Infection) बताई गई है। खास बात यह है कि ज्यादातर की मौत दमोह (Damoh) उपचुनाव प्रचार के दौरान चुनावी नतीजे के कुछ दिनों बाद हुई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि का प्रस्ताव संयुक्त संचालक शिक्षा को भेजा है। चुनाव आयोग ने दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए 17 मई को चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया था। इसी दिन से दमोह में आचार संहिता लागू हो गई और 2 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद तक प्रभावी रही। हालांकि में राज्य सरकार ने अनुग्रह राशि योजना लागू की है। जिसके तहत 1 मार्च से 31 जुलाई तक मरने वाले शासकीय कर्मचारियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसी योजना के तहत जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से 17 मई को अनुग्रह राशि का प्रस्ताव भेजा है। जिसमें बताया है कि ज्यादातर शिक्षकों की मौत 17 मार्च से 14 मई के बीच हुई है। प्रस्ताव में 57 शिक्षकों की मौत होने पर अनुग्रह राशि की मांग की गई है। जबकि कुछ शिक्षकों की मौत के प्रस्ताव बैंक खाता एवं अन्य दस्तावेजों की पूर्ति नहीं होने की वजह से मौजूदा प्रस्ताव में नहीं भेजे गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार 41 मौतें कोरोना (Corona) की वजह से हुई है। जबकि तीन शिक्षकों की हार्टअटैक (Heart Attack) से मौत हुई है। जबकि एक शिक्षक की मौत दुर्घटना एवं अन्य की मौत बीमारी की वजह से हुई है।
कोरोना योद्धा में शामिल नहीं है शिक्षक
डेढ़ महीने में दमोह में इतने शिक्षकों की मौत हेा गई है। जबकि अन्य जिलों में भी कलेक्टरों द्वारा शिक्षकों की कोरेाना में ड्यूटी कराई जा रही है। वहां भी मौत हो रही हैं। शिक्षक संगठन स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर शिक्षकों को कोरोना योद्धा मानने की मांग कर चुके हैं। खास बात यह है कि स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों की मौत को लेकर शिक्षक संगठनों के आंकड़े मानने को तैयार नहीं है। दमोह के आंकड़ों सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
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