15 करोड़ खर्च कर रहा है नेशनल हाईवे, प्राधिकरण को दी है लगाने की जिम्मेदारी, रोजाना 500 मीटर लग रही, दो माह में पूरा होगा काम
इंदौर। दुर्घटनाएं रोकने के लिए इंदौर बायपास (Indore bypass) के दोनों तरफ रेलिंग लगाई जा रही है, जिसकी जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी (National Highway Authority) ने इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) को सौंपी है। अभी लगभग 6 किलोमीटर लम्बाई में स्टील रेलिंग लगाने का काम पूरा हो चुका है। दिन के साथ रात में भी रेलिंग लगाई जा रही है। चूंकि बायपास पर अत्यधिक यातायात रहता है, लिहाजा एक दिन में 500 मीटर लम्बाई तक रेलिंग लगाने का काम हो पा रहा है और अगले दो महीने में 57 किलोमीटर लम्बाई में ये रेलिंग लग जाएगी।
इंदौर बायपास पर शॉपिंग मॉल के साथ-साथ आवासीय और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों मे तेजी से इजाफा हुआ है और मैरिज गार्डनों के साथ-साथ होटल-रेस्टोरेंट की भी बाढ़ आ गई है, जिसके चलते सर्विस रोड पर तो यातायात जाम रहता ही है, वहीं मैन कैरेज वे पर भी दुर्घटनाएं होती हैं। पैदल भी कई लोग बायपास को क्रॉस करते हैं, ताकि लम्बा घूमकर नहीं जाना पड़े। खासकर जबसे नया मॉल बना तब से इस तरह की गतिविधियां बढ़ गई और अस्थायी रूप से मॉल के सामने के हिस्से में सर्विस रोड से मैन केरेजवे आने पर रोक लगाने के लिए जालियां लगाई गई थी। उसके पश्चात नेशनल हाईवे ने दोनों तरफ के हिस्से में रेलिंग लगाने के कार्य को मंजूर किया और इसकी जिम्मेदारी प्राधिकरण को सौंपी। लगभग 15 करोड़ रुपए की राशि इस कार्य पर खर्च की जा रही है और बदले में प्राधिकरण को सुपर विजन चार्ज मिलेगा। शुरुआत में सुपर विजन चार्ज अधिक था, उसे फिर नेशनल हाईवे ने कम करवाया। प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार के मुताबिक पिछले दिनों रेलिंग लगाने का काम निर्धारित एजेंसी द्वारा शुरू कर दिया गया था और 6 किलोमीटर की लम्बाई में तो रेलिंग लग भी चुकी है। अभी लगाया जाने वाला सारा मटेरियल भी आ गया है, जिसके चलते अब काम ने गति पकड़ ली है और दोनों तरफ की 57 किलोमीटर लम्बाई की रेलिंग लगा दी जाएगी। दूसरी तरफ बायपास के शहरी हिस्से वाली सर्विस रोड को भी नगर निगम द्वारा फोर लेन किया जाना है। मगर उसका काम भी धीमी गति से चल रहा है, तो शासन स्तर पर भी 45 मीटर के कंट्रोल एरिया को साढ़े 22 मीटर करने का प्रस्ताव अटक गया और अब चुनावी आचार संहिता लग जाने के कारण इस पर भी फैसला नहीं हो पाएगा और अब चुनाव की प्रक्रिया निपटने के बाद ही कंट्रोल एरिया की चौड़ाई निर्धारित करने पर निर्णय लिया जा सकेगा। हालांकि निगम ने साढ़े 22 मीटर कंट्रोल एरिया करने के बाद मौजूदा दो लेन की सर्विस रोड को फोरलेन में परिवर्तित करने का भी 500 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार कर नेशनल हाईवे को मंजूरी के लिए भिजवाया है। हालांकि उस पर भी अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।
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