नई दिल्ली। वैश्विक आर्थिक मंदी, महंगाई, स्टार्टअप निवेश में कमी, टेक क्षेत्र में छंटनी और मंदी की आशंका के बीच 57% कर्मचारियों अगले साल 12% से अधिक वेतन वृद्धि की उम्मीद है। सीआईईएल एच आर सर्विसेस के अध्ययन के अनुसार, 23 फीसदी कर्मचारियों का मानना है कि 8-12 फीसदी की वृद्धि हो सकती है जबकि 11 फीसदी मानते हैं कि चार से पांच फीसदी तक वेतन बढ़ सकता है। हालांकि, 8.3 फीसदी मानते हैं कि केवल 4 फीसदी तक उनकी सैलरी बढ़ सकती है।
विपरीत आर्थिक स्थितियों के बावजूद अधिकांश कर्मचारियों को वेतन में बढ़त की उम्मीद है। भारी मांग और प्रतिभाओं को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा के कारण आईटी क्षेत्र ने पिछली बार ज्यादा वेतन वृद्धि की थी। इस साल, जमीनी स्तर की स्थिति बदल गई है, फिर भी कर्मचारी वेतन वृद्धि को लेकर आशान्वित हैं।
पिछली बार वेतन वृद्धि में विनिर्माण, इंजीनियरिंग, बुनियादी ढांचे और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों ने रूढ़िवादी दृष्टिकोण अपनाया था। अधिकांश कर्मचारियों की सैलरी 10 फीसदी से कम बढ़ी थी। जैसे-जैसे गतिविधियां बढ़ने लगी हैं, इन क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब इससे ज्यादा बढ़त की उम्मीद है।
दिल्ली, एनसीआर व मुंबई में ज्यादा भर्तियां
एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार, देश में संगठित क्षेत्र के रोजगार में तेजी देखी गई है। खासकर दूसरे स्तर के शहरों में इसमें ज्यादा बढ़त है। 2022 में इस क्षेत्र के रोजगार में दोगुना का इजाफा हुआ है।
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