उज्जैन। निगम चुनाव में सरकार ने महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है। आरक्षण के चलते शहर के 54 वार्डों में 56 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं। इन महिलाओं में कोई किसी नेता की पत्नी है तो कोई बेटी और कोई बहू तथा किसी ने अपनी माता को भी चुनाव में उतार दिया है। नगर निगम चुनाव में महिला प्रत्याशियों का बहुत जोर है, आधे से अधिक से अधिक वार्डों में पार्टियों ने प्रत्याशी के रूप में महिलाओं को उतारा है। भारतीय जनता पार्टी ने 28 वार्डों में महिला प्रत्याशियों को मौका दिया है वहीं कांग्रेस ने भी 28 महिलाएं चुनाव मैदान में उतारी हैं। इन महिलाओं में कांग्रेस में प्रमुख रूप से माया त्रिवेदी, राजेंद्र वशिष्ठ की पत्नी सुलेखा वशिष्ठ, वीनू कुशवाह की पत्नी वरिष्ठ, पार्षद जितेंद्र तिलकर की पत्नी, भाजपा से अशिमा गौरव सेंगर, मालीपुरा वार्ड में सुरेश गहलोत की पत्नी, कांग्रेस ने कई नए चेहरों को मैदान में उतारा है वहीं भाजपा ने वरिष्ठ पार्षद कलावती यादव जो कि 6 बार पार्षद का चुनाव जीत चुकी हैं, उन्हें मौका दिया है।
इसके अलावा भाजपा में पुरानी महिला पार्षदों में योगेश्वरी राठौर, दुर्गा शक्ति सिंह चौधरी को मैदान में उतारा है। इसके अलावा अधिकांश सीटों पर महिलाओं के रूप में नए चेहरों को उतारा है, इसमें वार्ड 1 में पार्षद रह चुके संजय कोर्ट की पत्नी को टिकट दिया है वहीं वार्ड 17 में रह चुके मांगीलाल की बेटी को टिकट दिया है। इसी प्रकार अन्य वार्डों में मंडल अध्यक्ष की पत्नी को भी टिकट दिया गया है साथ ही वार्ड क्रमांक 32 में नगर मंत्री पंकज मिश्रा की माता प्रभा मिश्रा को मौका दिया गया है। टिकट मिलने के बाद इन सब महिलाओं की दिनचर्या बदल गई है, इनमें से कुछ नेत्री है जो बरसों से चुनाव लड़ रही हैं और राजनीति करती हैं। इनमें से अधिकांश गृहिणी हैं और इनके पति बेटे तथा पिता के कारण इन्हें टिकट मिला है, इसके चलते उनकी दिनचर्या बदल गई है। घर के काम तब दूसरों के भरोसे हो गए हैं। सुबह उठते ही तैयार होकर इन्हें जनसंपर्क पर निकालना पड़ता है। कुल मिलाकर इस बार नगर निगम परिषद को 28 महिला पार्षद निश्चित तौर पर मिलेंगी, क्योंकि दोनों ही दलों ने 28-28 महिलाओं को टिकट दिया है।
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