नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir ) के केंद्रीय शासित प्रदेश बन जाने का असर अब दिखने लगा है. हाल ही में आतंकवादियों (Terrorism) को लेकर जो आंकड़े जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जारी किए हैं, उनसे तो यही साबित होता है. जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) ने सोमवार को कहा कि ‘संघ शासित प्रदेश में इस साल अभी तक सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 56 विदेशी आतंकवादी मारे गए हैं.’ उन्होंने कहा कि ‘इस साल आतंकवादी संगठनों में शामिल होने वाले 102 स्थानीय युवाओं में से 86 मारे गए हैं.
अभी तक नहीं मारे गए इतने आतंकी
आतंकवादी संगठनों द्वारा जारी जान से मारने की धमकियों को पाकिस्तानी (Pakistani) खुफिया एजेंसी (आईएसआई) और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली उसकी एजेंसियों की करतूत बताते हुए सिंह ने कहा कि ‘डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह के फरमान जारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.’ डीजीपी ने यहां एक समारोह में संवाददाताओं से कहा, ‘इस साल 56 विदेशी आतंकवादी (foreign terrorist) मारे गए हैं. यह पिछले कई वर्षों में सबसे बड़ी संख्या है.’
सुरक्षा में नहीं होगी कोई खामी
सुरक्षा उपायों को लेकर सिंह ने कहा, ‘हम हर तरह की सावधानी बरत रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हर जगह सब कुछ ठीक होगा. हमारी सुरक्षा में कोई खामी नहीं होगी.’ उन्होंने कहा, ‘सीमा पार प्रशिक्षण शिविरों में अभी भी लोग हैं. ऐसे आतंकवादी हैं जिन्हें इस तरफ घुसपैठ कराई जा रही है. सीमा पर सुरक्षा बल सतर्क हैं.’ खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकवादियों के बीच संबंध के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘उनकी मां एक है, वह पाकिस्तान है.’
ड्रोन से हथियार गिराना चुनौती
सिंह ने कहा कि ड्रोन से हथियार गिराना एक बड़ी चुनौती है और जम्मू कश्मीर पुलिस ऐसे ही कुछ मामलों को सुलझाने में सफल रही है. उन्होंने कहा, ‘कार्रवाई के दौरान हमने आईईडी और अन्य चीजें बरामद की हैं और हम इससे प्रभावी ढंग से निपटने की कोशिश कर रहे हैं. जल्द ही आपको बदलाव भी नजर आएगा.’
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