अफसरों ने होस्टलों की पैदल घूमकर देखी स्थिति
सुबह सर्वानंद नगर में 3500 स्क्वेयर फीट में फैले होस्टल को बनाया निशाना
इंदौर। नगर निगम (municipal corporation0 और प्रशासन (administration) के अमले ने आज सर्वानंद नगर (Sarvananda Nagar) के अवैध होस्टलों (Illegal hostels) को तोडऩे की कार्रवाई का अभियान फिर शुरू कर दिया। सुबह 7 बजे भारी-भरकम अमला सर्वानंद नगर के ए-सेक्टर (A-Sector) में पहुंचा और 3500 स्क्वेयर फीट पर बनाए गए 54 कमरों (54 room) के विशाल होस्टल को ढहाना शुरू कर दिया। हालांकि कार्रवाई से पहले होस्टल मालिक और उनके परिजन अफसरों से बहस भी करते रहे, लेकिन प्रशासनिक अफसरों के निर्देश पर दो बड़ी पोकलेन लगाकर तोडफ़ोड़ शुरू करा दी गई। इस दौरान पूरे सर्वानंद नगर के रहवासियों की भीड़ वहां जमा हो गई। वहीं वहां परिवार सहित रहने वाले कई लोग कार्रवाई को लेकर खुशी जाहिर करते रहे। उनका कहना था कि होस्टलों के कारण उनका जीना हराम हो गया था। अफसरों ने पैदल ही पूरे क्षेत्र का भ्रमण भी किया और कई जगह तो सडक़ घेरकर ही होस्टल बने मिले।
सर्वानंद नगर ए-सेक्टर में विशाल होस्टल बनाया गया था, जिसकी पड़ताल तीन दिनों से नगर निगम के अफसर कर रहे थे और जांच में पाया कि होस्टल पूरी तरह अवैध रूप से ग्रीन बेल्ट की जमीन पर बनाया गया है। नगर निगम अधिकारी नागेंद्रसिंह भदौरिया के मुताबिक जी प्लस थ्री का निर्माण वहां किया गया था और तीन प्लाट का संयुक्तिकरण भी करके भरत सोनी और अन्य ने निर्माण कार्य कर लिया था। होस्टल का काम आंतरिक हिस्सों में अभी चल ही रहा था कि आज सुबह प्रशासन और निगम का भारी-भरकम अमला क्षेत्र में पहुंच गया। सोनी के परिवार के कुछ लोग वहां अधिकारियों से चर्चा करने पहुंचे थे, मगर अफसरों ने उन्हें वहां से रवाना कर दिया और दो पोकलेन लगाकर शुरू करा दी।
सर्वानंद नगर की गलियोंं में पोकलेन घुसते ही मचा हडक़ंप
सर्वानंद नगर में चार साल पहले भी नगर निगम का अमला तीन होस्टलों को तोडऩे की कार्रवाई कर चुका है। उस दौरान भी वहां काफी हंगामा हुआ था। आज सुबह 7 बजे जैसे ही पोकलेन सर्वानंद नगर में घुसीं तो रहवासियों से लेकर होस्टल मालिकों में हडक़ंप मच गया और वे यह पता लगाने में जुटे रहे कि अमला कहां पर कार्रवाई के लिए पहुंचा है। 54 कमरों का होस्टल लगभग बनकर तैयार था और आने वाले कुछ दिनों में इसका उद््घाटन होना था, लेकिन उसके पहले ही निगम और प्रशासन के अमले ने पूरा होस्टल ढहा दिया। कार्रवाई के लिए दो पोकलेन मंगाई गई थीं, जो कम पड़ गईं तो कुछ और पोकलेन बुलाई गईं, ताकि कार्रवाई तेजी से हो सके।
अफसर घूमे गली-गली, आधी सडक़ पर बने मिले होस्टल
प्रशासन और निगम के अफसर उक्त होस्टल पर कार्रवाई के दौरान ही सर्वानंद नगर के अलग-अलग सेक्टरों में स्थिति देखने पैदल ही निकल पड़े। कई जगह निर्माणाधीन होस्टल भी दिखे तो कुछ जगह अंदर की गलियों में सडक़ के आधे हिस्से पर होस्टल बना दिया गया, जिससे सडक़ ही आधी रह गई। अधिकारी ऐसे होस्टल देखकर हैरत में पड़ गए और निगम अफसरों से पूछा कि यह कमाल कैसे हुआ। आधी सडक़ घेरकर ही होस्टल बना डाला? संभवत: निरीक्षण के दौरान जो होस्टल गलत ढंग से बने पाए गए हैं, अब आला अधिकारियों से निर्देश लेकर उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
मालिक ने जड़े आरोप
होस्टल मालिक सोनी ने निगम और प्रशासन के अफसरों पर आरोप लगाया कि पूरे सर्वानंद नगर में ग्रीन बेल्ट पर अवैध निर्माण हुए हैं और कई जगह अवैध निर्माण अभी भी जारी है, लेकिन सिर्फ उन्हीं के यहां प्रशासन ने कार्रवाई क्यों की। इस दौरान वहां भीड़ भी जमा हो गई थी और काफी देर तक बहस भी चलती रही।
रहवासियों ने जताई खुशी
सर्वानंद नगर मों आज सुबह होस्टल पर हुई कार्रवाई को लेकर कई परिवार खुश नजर आए और कहा कि गली-गली में बने होस्टलों के कारण उनका रहना मुश्किल हो गया है। एक परिवार तो खाली मकान छोडक़र अन्य जगह किराए पर रहने चला गया है। अधिकांश लोगों ने अपने बड़े-बड़े मकान बिल्डर को बेच दिए और उसके बाद यहां होस्टलों का निर्माण तेजी से हुआ।
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