कोलंबो। श्रीलंका की नौसेना ने अपने जल क्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में कम से कम 54 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है और उनकी पांच नौकाएं जब्त कर ली हैं। एक आधिकारिक बयान में गुरूवार को यह जानकारी दी गई। नौसेना ने मछुआरों को बुधवार को उत्तरी तट और उत्तर पूर्व के इलाकों से गिरफ्तार किया। नौसेना ने बयान में कहा कि विदेशी मछुआरों के श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने से स्थानीय मछुआरा समुदाय पर और श्रीलंका के मत्स्य संसाधन पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए नौसेना श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध मत्स्य गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए लगातार गश्त कर रही है। नौसेना ने कहा कि उसने पहले भी भारतीय प्राधिकार को इस प्रकार की घटनाओं की जानकारी दी है।
नौसेना ने जाफना के कोविलान के तट से तीन समुद्री मील दूर भारतीय मछुआरों की एक बड़ी नौका जब्त की, उसमें 14 लोग सवार थे। बयान में कहा गया कि दो और नौकाएं मन्नार में पेसालाई से सात समुद्री मील दूर पकड़ी गईं, इनमें 20 लोग सवार थे।
गुजरात के 345 मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में बंद
गुजरात सरकार ने गुरूवार को विधानसभा में बताया कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की जेलों में राज्य के 345 मछुआरे बंद हैं, जिनमें से 248 मछुआरों को पिछले दो वर्षों में पकड़ा गया है। राज्य के मत्स्य मंत्री जवाहर चावड़ा ने अपने लिखित उत्तर में यह बात कही। उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर 2020 तक पाकिस्तान की जेलों में गुजरात के 345 मछुआरे बंद हैं, जिनमें से 248 मछुआरों को पिछले दो वर्षों में पकड़ा गया है। वर्ष 2019 में 85 और वर्ष 2020 में 163 मछुआरों को पकड़ा गया था। कांग्रेस विधायक शैलेश परमार के प्रश्न के उत्तर में चावड़ा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार इन मछुआरों को रिहा कराने के प्रयास कर रही है और उसने गृह मंत्रालय के पास जरूरी प्रमाण जमा करा दिए हैं। एक संबंधित प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि सरकार ने पोरबंदर में मछुआरों को अपनी नौकाओं में जीपीएस लगवाने के लिए 37.70 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी है। गौरतलब है कि अरब सागर में मछली पकड़ते वक्त अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पार करने पर पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी अक्सर गुजरात के मछुआरों को पकड़ लेती
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