रायगढ़: रायगढ़ जिले में 2 साल पहले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के नाम पर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया था, जिसमें लगभग 17 हजार अपात्र किसानों ने फर्जी तरीके से ऑनलाइन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर लगभग 25 करोड का फर्जीवाड़ा किया था. इस फर्जीवाड़ा में अब बढ़कर 53 हजार किसान हो गए हैं, जिनसे लगभग 43 करोड़ रुपए की राशि वसूल की जानी है.
ऐसे में कृषि विभाग अब अपात्र किसान की सूची तैयार कर राजस्व विभाग से वसूलने की प्रयास कर रही है. केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक किसानों के खातों में हर साल 6 हजार रुपए तीन किस्तों में देने की योजना बनाई थी. योजना का उद्देश्य था कि किसानों को अतिरिक्त लाभ मिल सके. योजना की शुरुआत में ऑनलाइन में अपात्र किसानों को पात्र करते हुए ऑनलाइन माध्यम से उनका पंजीयन कर दिया था.
इस तरह मोटी रकम अपात्र किसानों के खाते में जमा हो गई. जब जिला प्रशासन को इसकी जानकारी लगी तब तक जिले में कई ऐसे किसान जिनके जमीन का रकबा और गलत मोबाइल नंबर का पंजीयन कर अपने खातों में किसान सम्मान निधि का पैसा ले लिया गया था, जिसके बाद कृषि विभाग ने रकबा सत्यापन और आधार लिंक कर पात्र किसानों की सूची पटवारी के माध्यम से लिया था.
इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हो पाया और जो अब लगभग 53 हजार किसानों से लगभग 43 करोड़ की राशि जा पहुंची है. सबसे अधिक किसान 23 हजार 379 पुसौर ब्लॉक के हैं. ऐसे में विभाग किसानों से बीते 2 सालों में मात्र 12 लाख रुपए ही वसूल कर पाया है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में ऑनलाइन पंजीयन होने के कारण अपात्र किसान भी योजना में इस योजना में पात्र हो गए थे और इसका लाभ लिए थे, जिसका रिकवरी शासन के द्वारा किया जा रहा है. इसके लिए पटवारी और राजस्व विभाग के द्वारा घर-घर जाकर लोगों से वसूलने का प्रयास किया जा रहा है.
किस ब्लॉक में कितने फर्जी किसान
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