भोपाल। अब इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वैरिफाइड पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपैट) को सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश के 31 जिलों में 53 गोदाम बनाए गए हैं। इनका उपयोग मतदान होने के बाद स्ट्रांग रूप के रूप में भी किया जाएगा। भोपाल और इंदौर में दो-दो गोदाम बनाए गए हैं। निवाड़ी जिले की मशीनें टीकमगढ़ के गोदाम में अलग से रहेंगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि ईवीएम एवं वीपीपैट को सुरक्षित रखने के लिए 220 करोड़ रुपये की लागत से इन गोदामों का निर्माण कराया गया है।
चुनाव परिणाम घोषित होने के 45 दिन तक मशीनों के डेटा को सुरक्षित रखे जाने का प्रविधान है। इस अवधि में यदि कोई चुनाव याचिका नहीं होती है तो फिर आवश्यकता अनुसार मशीनों का उपयोग निर्वाचन आयोग अन्य राज्यों में भी करता है। अनुपम राजन ने बताया कि अभी गोदाम की पृथक से व्यवस्था न होने के कारण कालेज या जहां स्ट्रांग रूम बनाए जाते हैं, वहां मशीनों को रखा जाता था। गोदामों में ईवीएम की सुरक्षा के निए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 24 घंटे सशस्त्र सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इसके अलावा गोदाम का निरीक्षण करने आए प्रत्येक व्यक्ति का विवरण लाग बुक में दर्ज करने की व्यवस्था है। गोदाम को खोलने की सूचना मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों को पहले ही लिखित रूप में दी जाती है, ताकि वे उपस्थित होना चाहें तो हो सकते हैं।
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