इंदौर। प्रदेशभर की लाड़ली बहनाओं (dear sisters) को हर माह मिल रही 1250 रुपए की किश्त के साथ एक नई पहल की गई , जिसमें गलती (mistake) से महिलाएं (Women) लाड़ली बहना की किश्त को नामंजूर कर रही थीं, लेकिन बढ़ती सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) की शिकायतों को देखते हुए सीएम हेल्पलाइन द्वारा हर लाड़ली बहना के घर फोन लगाकर इस बात की जानकारी ली जा रही है कि उन्होंने लाड़ली बहना की राशि लेना नामंजूर किया है। इस पर इंदौर की 523 महिलाओ ं ने बताया कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं चाहा। संभव है कि कम्प्यूटर आपरेटर की गलती के कारण उनसे हक त्याग हो गया हो।
पता चला है कि इंदौर की 543 महिलाओंने लाड़ली बहना की किश्त की राशि अस्वीकार कर दी। इस पर मुख्यमंत्री हेल्प लाइन ने संज्ञान लेते हुए सभी महिलाओं के घर फोन लगाकर जब पूछताछ की तो पता चला कि 543 में से से 523 ने बताया कि उन्होंने उक्त राशि को कभी भी अस्वीकार नहीं किया है। इस पर पता चला कि पोर्टल पर एक कालम हक त्याग का भी है और कम्यूटर आपरेटर की गलती से इस कालम पर टिक मार्क लग गया हो। इस जानकारी के बाद सीएम हेल्पलाइन ने उनके खातों को फिर से शुरू कर दिया और इस महीने से उन्हेें 1250 रुपए की किश्त मिलना शुरू हो जाएगी।
ज्ञात हो कि हर महीने इंदौर जिले में 4 लाख 51 हजार लाड़ली बहनों को लगभग 50 करोड़ की राशि के माध्यम से लाभ पहुंचाया जा रहा है, जिसमें से 543 का डाटा हक त्याग का सामनो आया था, वहीं यह आंकड़ा प्रदेश स्तर पर हजारों मे हैं। इन सभी महिलाओं से फोन लगाकर सहमति ली जा रही है।
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