शासन ने नई दर तय की, पहले 2500 लगते थे, सात निजी लैब में करवाते हैं जांच
इंदौर। अभी एमजीएम मेडिकल कॉलेज में डेढ़ से दो हजार कोविड सैम्पलों की जांच तो रोजाना हो जाती है, लेकिन जब सैम्पलों की संख्या बढ़ जाती है तो उन्हें निजी लैब में जांच के लिए भेजा जाता है। पहले सरकारी दर 2500 रुपए तय थी, जिसे अब घटाकर 1980 कर दिया है, क्योंकि अब देश में ही आरटीपीसीआर टेस्टिंग किट बनने और उपलब्ध होने लगी है। पहले बाहर से बुलवाना पड़ती थीं, जो महंगी पड़ती थीं।
आईसीएमआर से अनुमोदित 7 निजी टेस्टिंग लैब में कोविड की जांच की जा रही है। इसमें सरकारी स्तर पर जो सैम्पल एकत्रित किए जाते हैं उनकी जांच अब 520 रुपए प्रति सैम्पल तक सस्ती पड़ेगी। पहले 17 मार्च को तो यह दर 450 रुपए प्रति जांच तक थी, जिसके बाद प्रदेश के आयुक्त स्वास्थ्य सेवा ने 24 अप्रैल को भेजे पत्र में निजी लैब की दर ढाई हजार रुपए निर्धारित कर दी। मगर अब चूंकि टेस्टिंग किट सस्ती होने के साथ आसानी से उपलब्ध है, लिहाजा निजी लैब में करवाई जाने वाली सैम्पलों की दर घटाकर 1980 कर दी गई है। अब स्वास्थ्य विभाग और उसकी टीम द्वारा जो सैम्पल एकत्रित किए जाते हैं वे अगर चिह्नित निजी लैब में टेस्ट करवाए जाते हैं तो सभी करों के साथ 1980 की दर से ही भुगतान किया जाएगा। इसमें सैम्पल कलेक्शन, पैकेजिंग, रिपोर्टिंग की दर भी शामिल है। हालांकि निजी स्तर पर अभी जो कोविड टेस्ट निजी लैब में करवाए जा रहे हैं उसमें 4200 से लेकर 4500 रुपए का शुल्क ही लिया जा रहा है, लेकिन यह सरकारी दर सिर्फ सरकारी सैम्पलों के लिए ही तय की गई है। अभी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य फैज अहमद किदवई ने जो नया आदेश भिजवाया, उसमें यह भी कहा है कि जरूरत पडऩे पर ही निजी लैब में जांच करवाई जाए, अन्यथा सरकारी लैब में ही ज्यादा से ज्यादा सैम्पलों की जांच हो। इंदौर में एमजीएम मेडिकल कॉलेज स्थित लैब में यह सरकारी जांच की जा रही है, जहां डेढ़ से दो हजार सैम्पलों की जांच रोजाना कर दी जाती है, लेकिन कई मर्तबा ढाई से तीन हजार सैम्पल भी लिए जाते हैं, जिसके चलते निजी लैब में जांच करवाना पड़ती है। मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. ज्योति बिंदल ने नई दर 1980 की पुष्टि करते हुए कहा कि इसे 1 जुलाई से ही लागू कर दिया गया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved