नई दिल्ली: तुर्की और पड़ोसी देश सीरिया में आए 7.8 की तीव्रता के भूकंप से अबतक 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं. मलबे से अभी भी शव निकाले जा रहे हैं. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि इस भूकंप से 20 हजार से ज्यादा लोग मारे जा सकते हैं. डब्लूएचओ की इस भविष्यवाणी ने अगस्त 1999 में आए भूकंप की यादें ताजा कर दीं, तब 18000 लोग काल के गाल में समा गए थे.
बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं, लेकिन सर्दी और बर्फबारी की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में और ज्यादा मुश्किलें पैदा हो गई हैं. तुर्की में लोग भूकंप प्रभावित इलाकों को छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं, जिसकी वजह से सड़कों पर भयंकर जाम लग गया है और बचाव टीमों को घटनास्थलों पर पहुंचने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
अब तक कितने मरे-
तुर्की के इन 10 शहरों में हुई भारी तबाही
विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से विस्थापित 40 लाख लोग रह रहे हैं. इनमें से कई उन इमारतों में रह रहे थे, जो पहले से ही बमबारी की वजह से क्षतिग्रस्त थे. यहां सैकड़ों परिवार मलबे में दबे हैं. संसाधनों की किल्लत से जूझ रहे चिकित्सा केंद्र और अस्पताल घायलों से भरे पड़े हैं.
उत्तर-पश्चिमी सीरिया में कब्जे वाले इदलिब प्रांत में भूकंप ने एक नया संकट खड़ा कर दिया, जो पहले ही कई सालों से रूसी और सरकार के हवाई हमलों को झेल रहा है. यह क्षेत्र भोजन से लेकर चिकित्सकीय आपूर्ति तक हर चीज के लिए तुर्की पर निर्भर है। सभी राहत सामग्री तुर्की के रास्ते ही इदलिब पहुंचती है.तुर्की की सीमा के नजदीक सीरियाई विद्रोहियों के कब्जे वाले छोटे शहर अजमरिन में कई बच्चों के शव कंबल में लपेटकर अस्पताल लाए गए हैं.
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