नई दिल्ली। कोरोना के चलते रेल मंत्रालय को जबरदस्त घाटा हुआ है। घाटे से उबरने के लिए रेलवे लगभग 500 ट्रेनों का परिचालन बंद करते हुए 10 हजार स्टॉपेज खत्म कर सकता है। ये वे ट्रेनें हैं जिनमें यात्रियों की संख्या बेहद कम रहती है, साथ ही जिन स्टॉपेज पर यात्रियों की संख्या कम रहती है उन्हें भी खत्म कर दिया जाएगा। यहां ट्रेनों का स्टॉप होने से रेलवे को घाटा उठाना पड़ता है। रेलवे के नए जीरो बेस्ड टाइम टेबल में इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
दरअसल, रेलवे अपनी सालाना कमाई 1500 करोड़ रुपए तक बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। रेलवे यह अतिरिक्त कमाई बिना किराया या अन्य चार्ज बढ़ाए ही पाना चाहता है। नए टाइम टेबल के जरिए 15 फीसदी फ्रेट ट्रेनों के लिए जगह बनाई जाएगी, जिससे वे विशेष कॉरिडोर पर तेज स्पीड से चल सकेंगी। पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार भी 10 फीसदी तक बढऩे की उम्मीद जताई गई है। वैसे नया टाइम टेबल जुलाई में लागू होता है, लेकिन कोरोना के चलते इस बार सितम्बर में आने की उम्मीद है।
क्या है जीरो बेस्ड टाइम टेबल
रेलवे ने कोरोना महामारी के बाद अपने नए टाइम टेबल को जीरो बेस्ड टाइम टेबल कहा है, क्योंकि इसे रेलवे ने आईआईटी बॉम्बे के एक्सपट्र्स के साथ बिवकुल नए सिरे से तैयार किया है। इसमें कई ट्रेनों के स्टॉपेज हटाने से ट्रेनों की गति बढ़ेगी और ट्रेनों का टाइम टेबल फिर से सेट होगा।
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