उज्जैन। जिले में बोर्ड पैटर्न पर आधारित पांचवीं-आठवीं की परीक्षाओं के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य चल रहा है। उज्जैन जिले में कुल 14 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। यहां 500 से अधिक शिक्षक मूल्यांकन का कार्य कर रहे हैं, लेकिन वे नाराज हैं, क्योंकि उन्हें पिछले साल का भी मूल्यांकन मानदेय नहीं दिया गया है और इस बार भी वे बेमन से कार्य में जुटे हैं।
जिले के 14 मूल्यांकन केंद्रों पर हजारों उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए आई हैं। राज्य शिक्षा संघ के जिला अध्यक्ष शेख मोहम्मद ने बताया कि पिछले 1 वर्ष से पांचवीं-आठवीं के मूल्यांकनकर्ताओं को मानदेय नहीं मिला है। मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों के लिए पांचवीं में लगभग दो रुपए व कक्षा आठवीं के लिए ढाई रुपए प्रति उत्तर पुस्तिका मानदेय दिया जाता है। शिक्षकों का कहना है कि राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से एक वर्ष से मूल्यांकन की राशि बकाया है। फिर से समय पर मूल्यांकन करने का दबाव बना हुआ है। शिक्षक बेमन से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने में जुटे हैं। अधिकारियों की ओर से दावा किया जा रहा है कि 70 फीसदी कार्य हो चुका है। तकरीबन 500 शिक्षकों की तैनाती अलग-अलग मूल्यांकन केंद्रों पर जिले में की गई है। समय पर परिणाम जारी करने के लिए छुट्टियों के दिनों में भी मूल्यांकन जारी रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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