आम लोगों को मुफ्त दिया जाने वाला चावल कम दामों पर खरीदकर बेचते थे बियर फैक्ट्रियों को, दो माफिया पकड़ाए
इंदौर। जिला प्रशासन (district administration) के निर्देश पर खाद्य-आपूर्ति विभाग (Food Supply Department) ने कल रात सरकारी राशन (government ration) की कालाबाजारी (black marketing) का बड़ा भंडाफोड़ किया। टीम ने अलग-अलग स्थानों से कुल 500 क्विंटल (500 quintals) चावल जब्त (rice seized) किया है। इसे दो राशन माफिया राम गुप्ता और सतीश अग्रवाल संचालित कर रहे थे। ये दोनों आम लोगों को दिया जाने वाला मुफ्त अनाज रेहड़ी वालों से खरीदकर उसे बियर और वाइन फैक्ट्री वालों को बेचते थे।
जिला आपूर्ति नियंत्रक एमएल मारू ने बताया कि हमें लंबे समय से इस संबंध में शिकायत मिल रही थी। इस आधार पर हमारी टीमें पिछले कुछ दिनों से इसकी रैकी कर रही थीं। इसी आधार पर कल रात टीमों ने नरवल सांवेर रोड स्थित गोदाम पर छापा मारा। यहां टीम को बड़ी मात्रा में चावल के कट्टे मिले। गोदाम सतीश अग्रवाल का है। वहीं राम गुप्ता के लक्ष्मणपुरा स्थित घर से कट्टे भरकर लाए दो वाहन भी जब्त किए गए। एक वाहन हातोद में अंकित जैन की दुकान से भी कट्टे भरकर लाया था। पकड़े गए चावल की कुल मात्रा 500 क्विंटल है।
आम लोगों और दुकानदारों से होकर बियर फैक्ट्री जा रहा सरकारी चावल
आपूर्ति नियंत्रक मारू ने बताया कि आम लोगों को शासन द्वारा मुफ्त में अनाज दिया जाता है। यह अनाज अतिरिक्त होने पर या लालच में लोग गलियों में रिक्शा पर घूमने वाले रेहड़ी वालों को 10 से 12 रुपए में बेच देते हैं। इनसे छोटे दुकानदार ये चावल खरीदते हैं और उनसे बड़े व्यापारी। ऐसे ही बड़े व्यापारियों से राम गुप्ता और सतीश अग्रवाल ये चावल 20 से 22 रुपए में खरीदकर बियर और वाइन फैक्ट्री वालों को 25 से 27 रुपए किलो में बेचते हैं, जिसका उपयोग शराब बनाने में किया जाता है।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं राशन माफिया
अधिकारियों ने बताया कि ये दोनों ही पुराने राशन माफिया हैं और दोनों के खिलाफ पूर्व में भी एफआईआर हो चुकी हैं। ताजा मामले में दोनों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और कलेक्टर के आदेश पर आगे एफआईआर सहित अन्य कार्रवाई की जाएगी। टीम इनके आगे के नेटवर्क को भी तलाश रही है।
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