नई दिल्ली: बिपरजॉय तूफान का प्रभाव अब कम हो गया है. ऐसे में इससे हुए नुकसान का आकलन भी लगाया जाने लगा है. नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की मानें तो चक्रवात के लैंडफॉल के बाद किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई है. इस तूफान में करीब 500 घरों को नुकसान पहुंचा है. तेज हवाओं के चलते 800 पेड़ भी उखड़ गए हैं. तूफान के चलते 23 लोगों को चोटें आई हैं. एनडीआरएफ के डायरेक्टर जनरल अतुल करवाल ने तूफान के दौरान हुए नुकसान पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई.
अतुल करवाल ने कहा कि तूफान के लैंडफॉल से पहले ही दो लोगों की जान चली गई थी. यह काफी दुखद है लेकिन लैंडफॉल के बाद एक भी व्यक्ति की जान इसमें नहीं गई है. “इस दौरान 500 घरों को नुकसान पहुंचा. इनमें से अधिकांश झोंपड़ी थी या फिर बिना कंक्रीट के बने मकान थे. कंक्रीट के बने मकानों को हुआ नुकसान केवल सिंगल डिजिट (10 से कम) में है. फोन की कनेक्टिविटी भी बनी हुई थी. 23 लोग लैंडफॉल के बाद तूफान के चलते चोटिल हुए. कुल 800 पेड़ भी उखड़ गए हैं.”
अब 70 KM की रफ्तार से चल रही हैं हवाएं
एनडीआरएफ के डायरेक्टर ने आगे बताया, “कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान में भी एनडीआरएफ की टीमें भेजी गई हैं क्योंकि यहां भीषण बारिश होने के आसार हैं. यह तूफान अब बेहद खतरनाक से केवल खतरनाक की श्रेणी में रह गया है. शाम तक इसमें और गिरावट होगी. हमें बताया गया है कि इसका प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है. कच्छ और अन्य आसपास के क्षेत्रों में बेहद तेज हवाएं चल रही हैं. अब यह 70 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से धीमी हैं. केवल राजकोट में ही तेज बारिश हुई है. सड़क साफ है. हमारी टीमें ग्राउंड पर हैं.”
राजस्थान में तेजी बारिश के आसार
बताया गया कि राजस्थान में बेहद अधिक बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. शुकवार और शनिवार को यहां ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी. तूफान का लैंडफॉल गुजरात में गुरुवार शाम साढ़े छह बजे हुआ था. इस दौरान 115 से 125 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चली. सरकार ने पहले ही करीब एक लाख लोगों को तटीय स्थानों से सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया था.
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