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    योगी राज में 500 एनकाउंटर, 192 करोड़ की संपत्ति जब्त, जानिए 5 साल में कैसी रही कानून व्‍यवस्‍था

  • July 04, 2022

    लखनऊ । उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी आदित्यनाथ की सरकार (Yogi Adityanath government) मार्च 2017 में पहली बार आई थी. 2017 से 2022 तक पांच साल के कार्यकाल में सरकार की ओर से दावा किया गया था कि उसने इस कार्यकाल में बेहतर कानून-व्यवस्था (better law and order) और अपराधियों पर नकेल कसने के अपने एजेंडे को पूरा किया. अपराधियों की गोली का जवाब गोली से देने की छूट हो या फिर अपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाना हो. इस उपलब्धि को सरकार ने इस साल के फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में लोगों के सामने रखा. मार्च 2022 में योगी आदित्यनाथ दूसरी बार यूपी के सीएम बने. अब सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के भी 100 दिन पूरे होने को हैं. इन 100 दिनों में कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के प्रयासों पर एक नजर डालते हैं.


    100 दिनों में पुलिस मुठभेड़ के आंकड़े (25 मार्च 2022 से 1 जुलाई 2022 तक)

    – कुल एनकाउंटर 525
    – गिरफ्तार अपराधी 1034
    – पुलिस मुठभेड़ में घायल बदमाश 425
    – पुलिस मुठभेड़ में मारे गए 5 बदमाश
    – बदमाशों से मुठभेड़ में 68 पुलिसकर्मी भी घायल हुए.

    जोन वाइज मुठभेड़ के आंकड़े…

    – मेरठ जोन 193
    – बरेली जोन 62
    – आगरा जोन 55
    – लखनऊ जोन 48
    – लखनऊ कमिश्नरी 6
    – वाराणसी जोन 36
    – गोरखपुर जोन 37
    – नोएडा कमिश्नरी 44

    बदमाशों से मुठभेड़ में घायल हुए पुलिस कर्मी

    – मेरठ जोन में 27
    – बरेली जोन 16
    – गोरखपुर जोन में 10
    – लखनऊ जोन में 9
    – कानपुर जोन में 2
    – वाराणसी जोन में 3
    – लखनऊ कमिश्नरी में 1

    दूसरे कार्यकाल में उत्तर प्रदेश पुलिस ने माफिया के चिन्हिकरण की संख्या भी बढ़ा दी. प्रदेश स्तर के 50 चिन्हित माफिया के साथ-साथ डीजीपी मुख्यालय ने भी 12 माफिया को चिन्हित किया और उनके खिलाफ कार्रवाई का दौर शुरू किया गया. गैंगस्टर एक्ट में 25 मार्च 2022 से जून 2022 तक कुल 192 करोड़ 40 लाख 34 हजार 582 रुपये की संपत्ति जब्त की गई है.

    – सहारनपुर के खनन माफिया और बसपा सरकार के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की 127 करोड़, 93 लाख, 4 हजार, 180 रुपये की संपत्ति जब्त
    – संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की मुजफ्फरनगर में 4 करोड़ की संपत्ति जब्त
    – गैंगस्टर खान मुबारक की अंबेडकरनगर में 1 करोड़ 93 लाख की संपत्ति जब्त
    – अतीक अहमद की प्रयागराज में 5 करोड़ की संपत्ति जब्त
    – मुख्तार अंसारी की गाजीपुर और मऊ में 14 करोड़, 31 लाख की संपत्ति जब्त
    – भदोही में विजय मिश्रा की 4 करोड़, 11लाख, 38 हजार 780 रुपये की संपत्ति जब्त
    – आजमगढ़ में ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह की 4 करोड़, 80 लाख 9 हजार रुपये की संपत्ति जब्त
    – बलरामपुर में पूर्व सांसद रिजवान जहीर की 14 करोड़ 30 लाख की संपत्ति जब्त

    प्रदेश स्तर के 50 माफिया के अलावा मुख्यालय स्तर पर भी 12 गैंगस्टर की 92 करोड, 18 लाख, 96 हजार, 700 रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. इस तरह प्रदेश में चिन्हित कुल 62 माफिया की अब तक 284 करोड़, 59 लाख, 31 हजार 282 रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.

    माफिया पर दर्ज केस और कसे गए कानूनी शिकंजे की बात करें तो डीजीपी मुख्यालय से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार…

    – चिन्हित बदमाश व माफिया 2,433
    – केस दर्ज हुए 17,169
    – गिरफ्तार किए गए 1,645
    – कोर्ट में सरेंडर 134
    – 15 के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की गई
    – 36 लोगों पर एनएसए लगाया गया
    – 788 के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगा
    – 618 पर गुंडा एक्ट लगा
    – 47 के लाइसेंस कैंसिल हुए
    – 719 पेशेवर अपराधियों की हिस्ट्री शीट खोली गई

    वर्तमान में अगर चिन्हित माफियाओं की बात करें तो,

    – 619 माफिया जेल में हैं
    – 1744 जमानत पर हैं
    – 18 माफिया मारे गए हैं
    – 52 चिन्हित माफिया की तलाश की जा रही है

    दूसरे कार्यकाल कि सरकार में प्रदेश का मुख्यालय स्तर से चिन्हित 62 अपराधिक माफिया के अलावा अन्य क्षेत्र के माफिया को भी चिन्हित किया गया है. इनमें 30 खनन माफिया, 228 शराब तस्करी माफिया, 168 पशु तस्कर माफिया, 347 भू-माफिया, 18 शिक्षा माफिया और 359 अन्य माफिया शामिल हैं जिनको चिन्हित किया गया है.

    योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में इन एक्शन के बावजूद कई ऐसी चर्चित घटनाएं थीं, जो उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और पुलिसिंग पर सवाल भी खड़े कर गई.

    – ललितपुर के पाली थाने में गैंगरेप पीड़िता से थाने में रेप
    – चंदौली में दबिश के दौरान पुलिस की बर्बरता से युवती की पिटाई और फिर संदिग्ध मौत
    – प्रयागराज में एक ही परिवार के 5 लोगों की बेरहमी से हत्या
    – ऐसी आपराधिक घटनाओं के साथ-साथ दूसरे कार्यकाल में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की भी घटनाएं सामने आईं.
    – ईद से पहले अयोध्या में आपत्तिजनक मांस व धार्मिक पुस्तक को फाड़ कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई.
    – कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हिंसा में पथराव और तोड़फोड़.
    – 3 जून के बाद 10 जून को प्रयागराज, सहारनपुर, अंबेडकर नगर, मुरादाबाद समेत कई शहरों में जुमे की नमाज के बाद हिंसा हुई.
    – अग्निपथ योजना के विरोध में भी बिहार से सटे बलिया जौनपुर चंदौली समेत कई शहरों में छात्रों ने प्रदर्शन किया, हिंसा हुई.

    हालांकि हर बवाल पर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई भी की और बलवाइयों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा. जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में 10 जिलों में कुल 20 एफआईआर दर्ज की गई और अब तक 424 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. अग्निपथ योजना के विरोध में 31 जिलों में कुल 82 एफआईआर दर्ज हुई जिनमें कुल 1562 पर कार्रवाई की गई, 498 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.

    दूसरे कार्यकाल के पहले 100 को विपक्ष ने बेकार बताया
    सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया का कहना है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार प्रोपेगेंडा सरकार है, मार्केटिंग वाली सरकार है. इन्वेस्टर्स समिट करते हैं लेकिन इन्वेस्टमेंट कहां हुआ यह पता नहीं. कानपुर में जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मौजूद थे तो वहां बवाल हो गया, पत्थरबाजी हुई हिंसा हुई. खुफिया तंत्र और पुलिस की विफलता का सबसे बड़ा नमूना सामने आया. सपा प्रवक्ता ने कहा कि एक सप्ताह बाद लाख दावों के बीच अगले जुमे की नमाज के बाद सहारनपुर, प्रयागराज, अंबेडकर नगर समेत कई जिलों में हिंसा हुई. सड़कों पर प्रदर्शन हुए बवाल हुआ, यह इनका लॉ एंड ऑर्डर है. यह विकास की राजनीति नहीं, नफरत की राजनीति करने वाले लोग हैं.

    वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत कहते हैं कि पुरानी सरकार नई पैकिंग और रैपिंग में आई है. इस सरकार के मंत्री ही अपनी सरकार के कामों की बखिया उधेड़ रहे हैं. मौजूदा सरकार में उपमुख्यमंत्री दवा गोदाम में छापा मारते हैं तो करोड़ों की दवाई एक्सपायरी डेट की मिलती है. यह करोड़ों की दवाई पिछले बीजेपी सरकार के ही कार्यकाल में खरीदी गई थी, जो अस्पतालों तक नहीं पहुंचाई गई. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रयागराज गोरखपुर में हुए सामूहिक हत्याकांड पुलिस के इकबाल पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं. मौजूदा बीजेपी सरकार में जो संविधान को मानता है, वो असुरक्षित जबकि जो बीजेपी के नियम कायदे मानता है, वही सुरक्षित है. बुलडोजर के दम पर अदालतों और संविधान को ध्वस्त किया जा रहा है.

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