उज्जैन। शहर में ई रिक्शा और ऑटो की संख्या बढ़ती देख जिला प्रशासन ने ई रिक्शा के नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी लेकिन वर्तमान में पूरे शहर में 3000 ई रिक्शा सड़कों पर चल रही है। सबसे ज्यादा ई रिक्शा महाकाल क्षेत्र में संचालित हो रही है।
गौरतलब है कि जनवरी माह में जिला प्रशासन की टीम ने शहर का यातायात दुरुस्त करने के लिए महाकाल क्षेत्र में निरीक्षण किया था। जिसमें यह पाया गया था कि महाकाल क्षेत्र, हरसिद्धि की पाल, गुदरी बाजार, हरिफाटक रोड़ पर सबसे ज्यादा जाम ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा के कारण होता है। शहर के भौगोलिक और यात्रियों के आवागमन को देखते हुए यातायात प्रबंधन के लिए प्रशासन ने ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा के नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी।
आरटीओ संतोष मालवीय ने शो रूम संचालकों को भी पत्र लिखकर नए ऑटो व ई रिक्शा विक्रय पर प्रतिबंध की सूचना जारी की थी। इस प्रतिबंधात्मक आदेश के बाद शहर में ई रिक्शा की संख्या डबल हो गई है। आरटीओ से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में शहर में 3 हजार ई रिक्शा और 4500 ऑटो रिक्शा चल रहें हैं। जबकि टाटा मैजिक की संख्या कम हो गई है। 6 माह पूर्व परिवहन व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में यात्री किराया नियंत्रण के लिए शहर में 15 प्रीपेड बूथ लगाने को लेकर निर्णय हुआ था, ताकि यात्रियों से सही किराया लिया जाए लेकिन अब तक प्री पैड बूथ शुरू नहीं हुए हैं। इधर प्रशासन की समझाइश के बाबजूद ई रिक्शा ऑटो रिक्शा यात्रियों से मन माना किराया वसूल रहे हैं। शहर में बड़ी संख्या में दूसरे जिले में रजिस्टर्ड ई रिक्शा भी संचालित हो रहे ई रिक्शा भी चल रहें हैं। आरटीओ और ट्रेफिक पुलिस की सुस्त कार्य प्रणाली के कारण इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। यदि जांच की जाए तो कई बाहरी वाहन पकड़ में आएंगे।
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