इंदौर। इकनॉमिक कॉरिडोर जो इंदौर पीथमपुर के बीच बनाया जा रहा है उसमें जहां कंट्रोल एरिया दोनों तरफ 300-300 मीटर तय किया गया, वहीं एयरपोर्ट से पीथमपुर यात्रा और आसान हो जाएगी और मात्र 15 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश यहां आएगा और 500 करोड़ रुपए तक की स्टाम्प ड्यूटी से भी आय होगी और ढाई हजार करोड़ रुपए से ज्यादा सालाना जीएसटी भी सरकार को मिलेगा। नैनोद, कुर्डीयावर्डी, रिजलाय, बिसनावदा, सिंहासा, नावदापंथ, श्रीराम तलावली, सिंदौड़ा, सिंदौड़ी और शिवखेड़ा जैसे इंदौर के प्लानिंग एरिया भी इससे जुड़ेंगे, तो पीथमपुर के नरलाय, मोकलाय, सोनवाय, भैंसलाय, बगोदा, धन्नड़ जैसे क्षेत्रों को भी फायदा होगा। कॉरिडोर के दोनों तरफ डेढ़ हजार हेक्टेयर यानी 4 हजार एकड़ से अधिक जमीन विकसित होगी। बिजासन माता मंदिर से शुरू होकर पीथमपुर तक यह कॉरिडोर बनाया जाएगा।
कल भोपाल में मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की जो बैठक ली उसमें प्रदेश में 5 नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना का निर्णय भी लिया, जिस पर 714 करोड़ रुपए की राशि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च की जाएगी। भोपाल के बैरसिया, सिहोर, धार के तिलगारा, रतलाम, नरसिंहपुर में ये 5 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं जहां पर 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध होने का दावा भी किया गया है। वहीं मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत श्रमिकों को विवाह सहायता योजना में लाभ दिलाने के लिए मुख्यमंत्री कन्या योजना में भी शामिल कर लिया गया है। वहीं ग्रामीण बैंकों को पुन:पुंजीकरण सहायता योजना के तहत लगभग 1415 करोड़ रुपए की अंश पूंजी सहायता भी मंजूर की गई है, जिसमें शासन के हिस्से की राशि 212 करोड़ रुपए होगी। वहीं प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। अभी 1320 शाखाएं कार्यरत हैं।
वहीं उज्जैन के उद्योगपुरी क्षेत्र में मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना का भी निर्णय लिया, जिसमें भूखंड भवन आबंटन ऑफलाइन प्रक्रिया से करने के लिए एक कमेटी भी गठित की जाएगी। दूसरी तरफ इकनॉमिक कॉरिडोर को भी शासन ने मंजूरी दे दी है, जिसके चलते इसके विकास कार्य के लिए टेंडर भी मंजूर हो गए हैं। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक रोहन सक्सेना के मुताबिक इंदौर-पीथमपुर इकनॉमिक कॉरिडोर को मंजूरी मिल गई है और कंट्रोल एरिया में 500 की बजाय 300-300 मीटर ही निर्धारित किया गया है। नगर तथा ग्राम निवेश ने इसे मास्टर प्लान में शामिल करते हुए प्रस्ताविक कॉरिडोर के दोनों तरफ अभिन्यासों की मंजूरी पर भी रोक लगा दी। वहीं फिनटैक सिटी से लेकर डाटा पार्क जैसी गतिविधियां भी इस कॉरिडोर पर आ सकेगी। औद्योगिक, व्यापारिक के साथ-साथ आवासीय टाउनशिप विकसित होगी। डेढ़ हजार एकड़ में बनने वाले इस इकनॉमिक कॉरिडोर में गारमेंट्स कॉम्प्लेक्स, सुपर मार्केट, लॉजिस्टिक, आईटी, होटल सहित अन्य गतिविधियां संचालित होंगी।
स्मार्ट इंडस्ट्रीयल विकसित होना शुरू
इंदौर से लेकर पीथमपुर के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अब जमीन और भूखंड बचे ही नहीं हैं, लिहाजा 546 हेक्टेयर में नई स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप तैयार की जा रही है, जिसमें सड़क, बिजली, पानी व अन्य विकास कार्यों के लिए एमपीएसआईडीसी ने टेंडर भी जारी कर दिए। दो चरणों में इस इंडस्ट्रीयल टाउनशिप को विकसित किया जा रहा है और 400 से ज्यादा छोटे-बड़े भूखंड उद्योगों को आबंटित किए जाएंगे। कई उद्योगों ने तो अभी से ही आवेदन दे रखे हैं। वहीं लघु, सुक्ष्म और मध्यम श्रेणी उद्योगों के लिए भी न्यूनतम 10 हजार स्क्वेयर फीट तक के भी भूखंड विकसित होंगे। इस इंडस्ट्रीयल टाउनशिप में रणमल बिल्लौद, काली बिल्लौद, अम्बापुरा, सलमपुर, बजरंगपुरा और बेटमाखुर्द की लगभग 1500 एकड़ जमीन शामिल हैं, जिसमें सरकारी के अलावा निजी जमीनें हैं। निजी जमीन मालिकों को 20 फीसदी नकद मुआवजा और 80 फीसदी मुआवजे के बदले विकसित भूखंड दिए जाएंगे।
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