अपोलो अस्पताल में हुई सफल सर्जरी डॉक्टरों ने
इन्दौर। शहर ने एक फिर मेडिकल क्षेत्र (Medical field) में नया कीर्र्तिमान रचा है। शहर के ख्यात डॉक्टरों ( reputed doctors) की टीम ने 50 वर्षीय मरीज इम्पेला (impala) (छोटे आकार का हार्ट पंप) लगाकर नई जिंदगी दी। इंदौर में पहली बार इस तरह का आपरेशन (operation) विजय नगर स्थित अपोलो अस्पताल (apollo hospital) में किया गया है। आपरेशन का लाइव प्रसारण हैदराबाद (hyderabad) में आयोजित एशिया पैसिफिक (asia pacific कार्यशाला में भी देखा गया।
एक ऐसे व्यक्ति जो हार्ट फेलियर ( heart failure) से जूझ रहे थे, उन्हें सबसे उन्नत लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (इम्पेला) का उपयोग करके नया जीवन देने का प्रयास अपोलो हॉस्पिटल्स में डॉ. सरिता राव और डॉ. के रोशन राव के नेतृत्व में डॉ विकास गुप्ता, डॉ क्षितिज दुबे एवं टीम ने किया। मध्यभारत में पहली बार इस तरह की सर्जरी की गई है। शुजालपुर के 50 वर्षीय मरीज अर्जुन को मधुमेह था, वे बीमार थे और उन्हें कई बार दिल का दौरा पड़ चुका था, जिससे अंतत: उनका हार्ट फेलियर हो गया था। 25 जुलाई को वे आशा लिए अपोलो हॉस्पिटल्स पहुंचें। सारी रिपोट्र्स और मरीज को अच्छी तरह देखने के बाद, सीनियर डॉक्टरों के नेतृत्व वाली टीम को पता था कि उनके पास ज्यादा समय नहीं है। लम्बे समय से मधुमेह पीडि़त उक्त मरीज का इजेक्शन फ्रैक्शन (हार्ट पंपिंग) 5 प्रतिशत होने के कारण, उनके लिए समय तेजी से ख़त्म हो रहा था। टीम ने हार्ट ट्रांसप्लांट सहित अन्य कई विकल्पों के बारे में सोचा, लेकिन रोगी की स्थिति और स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए उन्हें इम्पेला लगाने का निर्णय लिया गया, उसमें सभी को सफलता भी मिली। डा. सरिता राव ने बताया कि आपरेशन करीब पांच घंटे चला। मध्य भारत में पहली बार इस तरह की सर्जरी हुई है। मरीज को चार स्टैंट डाले गए हैं।
ऐसे काम करता है इम्पेला
लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस नामक एक मैकेनिकल दिल, जिसे इम्पेला भी कहा जाता है, उसे मरीज को लगाना होता है। इस सिस्टम में एक पतली, लचीली ट्यूब (कैथेटर) के अंत में एक छोटा रक्त पंप होता है। यह आमतौर पर रोगी के कमर में रक्त वाहिका के माध्यम से डाला जाता है। एक बार प्रत्यारोपित होने के बाद, यह दिल की बाईं ओर से शरीर के विभिन्न भागों में रक्त पंप करता है। यहां यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बायां वेंट्रिकल हार्ट के कक्षों में सबसे मोटा है और पूरे शरीर में ऊतकों को ऑक्सीजन युक्त रक्त पंप करता है। इम्पेला दुनिया का सबसे उन्नत डिवाइस है और चुंबकीय क्षेत्र के आधार पर काम करता है।
पूरे देश में केवल 100 लोगों पर उपयोग हुआ इस तकनीक का
भारत में 2018 में लाई गई इस उन्नत तकनीक का उपयोग हाल फिलहाल में पूरे देशभर के एडवांस अस्पतालों में केवल 100 मरीजों पर ही अपनाई गई है, जिसमें मरीजों की हार्ट पंपिंग कम हो गई थी, मगर इन्दौर में हुई सर्जरी में डॉक्टरों ने इतिहास रच दिया, जिसमें पूरे एशिया में सबसे कम हार्ट पंपिंग केवल 5 प्रतिशत वाले मरीज की सफल सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया।
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