नई दिल्ली (New Delhi) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उनकी सरकार का कृषि क्षेत्र (agriculture sector) और किसानों (farmers) पर वार्षिक खर्च 6.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। साथ ही यह भी कहा कि प्रत्येक किसान को हर साल लगभग 50,000 रुपये का लाभ सुनिश्चित किया जाता है। पीएम ने कहा, ”ये मोदी की गारंटी है। मैंने जो किया है, वो बता रहा हूं, वादे नहीं बता रहा हूं।”
17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले छोटे और मझोले किसान सरकारी लाभ से वंचित थे। आप उन परिवर्तनों का अनुभव कर रहे हैं जो पिछले नौ वर्षों में बदली गई नीतियों और लिए गए निर्णयों से आए हैं।
पीएम मोदी ने पूछा- क्या आपको 2014 से पहले किसानों की मांग याद है? किसानों का कहना था कि उन्हें सरकार से बहुत कम सहायता मिलती है। जो भी थोड़ी बहुत सहायता मिलती थी वह बिचौलियों के पास चली जाती थी। छोटे और मध्यम किसान सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते थे।
पीएम मोदी ने कहा, ”यह स्थिति पिछले नौ वर्षों में बदल गई है। आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है। अब कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्जी लाभार्थी नहीं है। पिछले चार वर्षों में 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं।” उन्होंने कहा कि 2014 से पहले पांच वर्षों का कुल कृषि बजट 90,000 करोड़ रुपये से कम था।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”दुनिया भर में उर्वरक और रसायनों की कीमतों में वृद्धि का बोझ किसानों पर नहीं है। इसकी भी गारंटी दी गई है। यह मोदी की गारंटी है, जो केंद्र की भाजपा सरकार ने आपको दी है।”
पीएम ने सहकारी समितियों से पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त शासन का मॉडल बनने और देश को खाना पकाने के तेल के मामले में आत्मनिर्भर बनने में मदद करने को कहा है। पीएम ने हालिया पीएम-प्रणाम योजना का भी उल्लेख किया जिसका उद्देश्य रसायन मुक्त खेती का प्रचार करना और वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देना है।
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