हल्द्वानी । हल्द्वानी मामले में (In Haldwani Case) सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि (Supreme Court says that) रातोंरात (Overnight) 50 हजार लोगों (50 Thousand People) को बेघर नहीं किया जा सकता (Cannot be made Homeless) । सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया है और सरकार को इलाके के लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस भेजा है, साथ ही अतिक्रमण हटाने के अभियान पर रोक लगा दी है । अब अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी ।
आपको बता दे कि हल्दवानी में बनभूलपुरा व गफूर बस्ती में रेलवे की 78 एकड़ जमीन से 4365 अवैध कच्चे-पक्के भवनों को हटाने का यह मामला है । हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट यह फैसला सुनाया है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रातों-रात 50 हजार लोगों को हटाया नहीं जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार और रेलवे को नोटिस भी जारी किया है। हल्द्वानी में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद से ही तनाव था। विवादित स्थल पर तभी से विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था। यहां हाई कोर्ट के फैसले के बाद 8 जनवरी को बुलडोजर चलना था, जिसपर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि हमने पहले कहा था कि यह रेलवे की जमीन है। हम कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे बढ़ेंगे। वहीं, उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानवाधिकार की सुरक्षा करेगा। हम सभी विध्वंस के बारे में चिंतित थे जिससे 52,000 लोग बेघर हो जाते। सुप्रीम कोर्ट ने विध्वंस पर रोक लगा दी। साल 2016 में हमने लोगों के पुनर्वास को लेकर फैसला लिया था।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की वकील लुबना नाज ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस जमीन पर कोई निर्माण नहीं किया जाएगा। पुनर्वास योजना को ध्यान में रखा जाना चाहिए। वहां स्कूल, कॉलेज और अन्य अन्य ठोस संरचनाएं हैं जिन्हें इस तरह ध्वंस नहीं किया जा सकता। पिछले साल 20 दिसंबर को नैनीताल हाईकोर्ट की बेंच ने रेलवे को आदेश में कहा कि वे जमीने खाली करने के लिए एक हफ्ते का समय देने के बाद गलत तरीके से कब्जा जमाए रखने वालों को हटाने के लिए किसी भी हद तक बल का उपयोग कर सकते हैं।
हल्द्वानी में जिस जमीन को लेकर विवाद हो रहा है,उसपर चार हजार परिवार बसे हुए हैं। रेलवे का कहना है कि उनके पास पुराने नक्शे और रिवेन्यू रिकॉर्ड हैं, जो जमीन पर उनका दावा साबित करते हैं। हालांकि विरोध कर रहे लोगों का दावा है कि वो यहां पीढ़ियों से रहते हैं। उत्तराखंड के हल्द्वानी के इस इलाके में गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर बसे हुए हैं। ये तीनों इलाके हल्द्वानी के बनभूलपुरा एरिया का हिस्सा हैं। यहां तीन सरकारी स्कूल, 11 प्राइवेट स्कूल, 10 मस्जिद, 12 मदरसे, एक पब्लिक हेल्थ सेंटर और एक मंदिर है।
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