प्राधिकरण ने साल के अंत तक कुमेर्डी के आईएसबीटी को पूरा करने का लक्ष्य, नायतामूंडला में अतिक्रमण की बाधा कायम
इंदौर। एमआर-10 पर इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा इंटर स्टेट बस टर्मिनल का निर्माण कराया जा रहा है। हालांकि कोरोना और अन्य कारणों से 6 माह से अधिक समय का विलंब भी हो गया। अब 50 फीसदी काम पूरा होने की जानकारी प्राधिकरण ने दी है और साथ ही यह भी दावा किया कि साल के अंत तक यह बस टर्मिनल पूरा कर लिया जाएगा। इस टर्मिनल के पास से ही गुजरने वाली मेट्रो लाइन से भी इसकी सीधी कनेक्टीविटी रहेगी। फुट ओवरब्रिज बनाकर इस आईएसबीटी से पास में ही बन रहे मेट्रो स्टेशन को जोड़ दिया जाएगा। 60 करोड़ रुपए की राशि इस अत्याधुनिक टर्मिनल के निर्माण पर प्राधिकरण खर्च कर रहा है। एक अन्य टर्मिनल नायता मूंडला में आरटीओ भवन के पास बनाया जा रहा है, जहां पर टर्मिनल का काम तो तेज गति से चल रहा है, मगर पहुंच मार्ग पर झुग्गी झोपडिय़ों का अतिक्रमण अभी भी कायम है।
इंदौर विकास प्राधिकरण के पास विजय नगर डिपो की भी बेशकीमती जमीन है, जहां पर साढ़े 6 एकड़ में बस स्टैंड प्रस्तावित किया गया और शेष साढ़े 3 एकड़ जमीन का भू-उपयोग व्यवसायिक कर दिया है। मगर अब इस पूरी बेशकीमती जमीन को प्राधिकरण व्यवसायिक करवाकर बेचना चाहता है, ताकि हजार करोड़ रुपए तक की आमदनी की जा सके और वैसे भी अब विजय नगर डिपो की जमीन बस स्टैंड के लायक नहीं रही, क्योंकि पूरा क्षेत्र व्यवसायिक हो चुका है। इसकी बजाय प्राधिकरण ने दो बस टर्मिनल नायता मूंडला और कुमेर्डी में बनाना शुरू किए। एमआर-10 पर जो बस टर्मिनल निर्माणाधीन है, उसका 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। टर्मिनल की बिल्डिंग का सिविल वर्क लगभग पूरा हो गया और अब फिनिशिंग का काम पूरा होगा, उसके बाद फर्नीचर सहित अन्य सुविधाएं जुटाई जाएगी। बस यात्रियों को एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं इस टर्मिनल पर मिलेगी। प्राधिकरण के सहायक इंजीनियर राजेश महाजन के मुताबिक 1440 बसों की आवाजाही इस टर्मिनल से अनुमानित की गई है और सितम्बर 2019 से इस टर्मिनल का निर्माण शुरू हुआ था। कोविड और अन्य कारणों से विलंब हुआ और अब इस साल के अंत तक इस टर्मिनल का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
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