सडक़ पर ही सोएंगे, ठिठुरते रहेंगे, पर नहीं जाएंगे रैनबसेरा
इंदौर। नगर निगम (Municipal Corporation) और एनजीओ (NGO) के माध्यम से फुटपाथ पर सोने वालों को वहां से हटाकर रैनबसेरों (shelters) में शिफ्ट (shift) कराया जा रहा है। अभियान के दूसरे दिन कल रात एमवाय अस्पताल (MY Hospital) क्षेत्र के आसपास के हिस्सों में सो रहे 50 से ज्यादा लोग निगम टीम को देखकर एक-एक कर रवाना हो गए। वहीं 12 लोगों को समझाइश के बाद रैनबसेरों में शिफ्ट किया गया।
शहर के प्रमुख मार्गों की सडक़ों (roads) और फुटपाथों पर कई लोग गुजारा करते हैं। ऐसे लोगों को कडक़ड़ाती ठंड (freezing cold) में रात बिताना पड़ती है। आला अधिकारियों के निर्देश पर निगम (Corporation) की टीमें दो दिनों से यह अभियान एनजीओ के माध्यम से चलाए हुए हैं। परसों भी निगम की टीमों ने शाी ब्रिज (Shastri Bridge), गांधी हॉल, रीगल, आरएनटी मार्ग (RNT Marg) सहित कई क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों को फुटपाथों से हटाकर रैनबसेरों में शिफ्ट कराया था। कल रात को निगम (Corporation) की टीम फिर एमवाय अस्पताल (MY Hospital) के आसपास के हिस्सों में पहुंची तो अस्पताल के बाहरी हिस्सों से लेकर पिछले दरवाजे वाले मैदान में और एमवाय के ठीक सामने करीब 60 से ज्यादा लोग सो रहे थे। इनमें से करीब 50 लोग निगम (Corporation) की टीम को देख एक-एक कर रवाना हो गए। अधिकारियों ने उन्हें रैनबसेरा ले जाने की समझाइश दी तो उन्होंने साफ मना कर दिया। इसके बाद 12 लोगों को वहां से रैनबसेरा भेजा गया। अधिकारियों के मुताबिक कई अन्य स्थानों पर भी अभियान चलाया जाएगा।
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