भोपाल। प्रदेश के 50 लाख वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जानी है। कंपनी का ठेका पुर्नजीवित करने के लिए अक्टूबर 2021 में प्रस्ताव राज्य शासन के पास भेजा था, लेकिन अभी तक इस प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग सकी है। बिना हाई सिक्योरिटी नंबर के वाहन को दूसरे राज्य में ले जाने पर लोगों को जुर्माना भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली एनसीआर में व्यक्ति बिना जुर्माने के नहीं निकल पा रहे हैं। क्योंकि केंद्र शासन ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगाना अनिवार्य किया है। इसके बगैर वाहन चलाने पर जुर्माने का प्राविधान किया है।
50 लाख वाहन आए हैं सड़कों पर
अक्टूबर 2014 से 1 अप्रैल 2019 के बीच प्रदेश में सभी तरह के करीब 50 लाख वाहन नए खरीदे गए हैं। इन वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं है। बाजार से प्लेट खरीदकर नंबर लिखवाये हैं। 1 अप्रैल 2019 के बाद हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य कर दी है। दूसरे राज्यों में बिना प्लेट के गाड़ी मिलती है तो जुर्माना भरना पड़ता है। 1 अप्रैल 2019 के बाद जो वाहन खरीदे गए हैं, उन पर निर्माता कंपनी ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटें लगाई हैं। पुराने वाहन वाले विभाग के पास शिकायत लेकर जाते हैं तो लोगों को निराशा मिलती है। प्लेट लगाने वाला वेंडर नहीं है। परिवहन विभाग ने उन वाहन चालकों को सुविधा दे रखी है, जिन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं है। वह विभाग से पत्र लेकर जा सकते हैं। जिससे जुर्माने से बचा जा सकता है। हर व्यक्ति ऐसा नहीं कर पा रहा है।
यह समस्या आ रही सामने
वर्ष 2012 में इस कंपनी से जो करार हुआ था, उसमें 110 रुपये टू व्हीलर की नंबर प्लेट व 315 रुपये चार पहिया वाहन की नंबर प्लेट लगाई जा रही थी। हर पांच साल में रेट रिवाइज होने थे। अक्टूबर 2014 में ठेका निरस्त हो चुका है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में जो आफिस का ढांचा खड़ा किया था, वह नहीं बचा है। न मशीनें।
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