भोपाल। मप्र (MP) में इस समय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की सरकारी खरीदी चल रही है। अभी तक करीब 110 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। इसमें से पूरे प्रदेश में खरीदी केंद्रों पर करीब 50 लाख क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा है और इसी बीच चक्रवाती तूफान ताउते आ धमका है। मौसम विभाग की चेतावनी है कि यह तूफान 17 और 18 मई तक मप्र के कई इलाकों में तूफानी बारिश लेकर आएगा। इससे किसानों के होश उड़े हुए हैं। अगर तूफान आता है और बारिश होती है तो करीब 98,75,00,000 रूपए का गेहूं भींग जाएगा। जब तक अनाज गोदाम में नहीं जाता तब तक किसानों को भुगतान भी नहीं होता है। प्रदेश में गेहूं खरीदी के लिए 4,660 केंद्र स्थापित किए गए हैं। खरीदी केंद्रों पर सरकार द्वारा जारी कोविड-19 का पालन करते हुए गेहूं का उपार्जन किया जा रहा है। प्रदेश में जबलपुर, सतना, छिंदवाड़ा, सागर, हरदा, होशंगाबाद, विदिशा, देवास, धार, इंदौर, उज्जैन, रायसेन आदि जिलों में कुल मिलाकर करीब 5 लाख टन गेहूं खुले में रखा है। बारदान की कमी और परिवहन की देरी के कारण कई खरीदी केंद्रों पर कुछ गेहूं खुले में रखना पड़ा। समय पर पूरा गेहूं नहीं उठ पाया और अब अचानक तूफान आ गया है।
आनन-फानन में शुरू हुआ परिवहन
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद राज्य शासन के जिम्मेदार विभागों ने खरीदी रोक दी है और पूरा ध्यान खुले में रखे गेहूं को सुरक्षित तरीके से गोदामों तक पहुंचाने में लगा दिया है। गेहूं की सरकारी खरीदी के नोडल विभाग खाद्य व नागरिक आपूर्ति, मध्य प्रदेश सहकारी विपणन संघ और सहकारिता विभाग खुले में रखे गेहूं को उठाने में पूरा जोर लगा रहे हैं, लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या ट्रकों और हम्मालों की आ रही है। ट्रक मिल भी रहे हैं तो गेहूं भरने के लिए हम्माल कम पड़ रहे हैं।
एक दर्जन से अधिक जिलों में प्रभाव
मौसम विभाग की चेतावनी है कि ताउते का असर रीवा, सतना, सीधी, मंडला, जबलपुर, डिंडौरी, बालाघाट आदि इलाकों के अलावा भोपाल के आसपास के जिलों में ज्यादा असर रहेगा। मालवा और निमाड़ में भी इसका कुछ असर रहने की आशंका है। बताया जाता है कि होशंगाबाद, इंदौर जिले में इस समय खरीदी केंद्रों पर 1-1 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं खुले में रखा है।
135 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य
मप्र में इस बार 135 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों को दिए जा रहे सम्बल के कारण ही एक बार फिर से मप्र गेहूं उपार्जन के क्षेत्र में नया कीर्तिमान रचने जा रहा है। इस वर्ष अभी तक किसानों के खाते में एक हजार 522 करोड़ से भी ज्यादा राशि किसानों के खाते में डाली जा चुकी है।
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