प्रधान मुख्य वन संरक्षण (वन्य प्राणी) आलोक कुमार ने बताया कि भारतीय वन्य जीव संरक्षण देहरादून द्वारा संजय टाइगर रिजर्व को गौर की पुनर्स्थापन के लिए उपयुक्त पाया गया है। उन्होंने बताया कि गौर पुनर्स्थापना के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा तकनीकी अनुमति भी दी जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि संजय टाइगर के वन क्षेत्रों में गौर की मौजूदगी के ऐतिहासिक साक्ष्य मिले हैं। यहाँ के वन क्षेत्रों में पिछले कई दशक से गौर की उपलब्धता नहीं है। टाइगर रिजर्व सीधी में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अथवा पेंच टाइगर रिजर्व से प्रस्तावित 50 गौर लाए जायेंगे। इसके पहले कान्हा टाइगर रिजर्व से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में गौर लाए जाकर पुनर्स्थापित किए जा चुके हैं।
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