नई दिल्ली (New Delhi)। करीब 50 पूर्व केंद्रीय मंत्रियों(Former Union Ministers) और सांसदों(MPs) को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली (National capital New Delhi)में स्थित सरकारी बंगला खाली(government bungalow vacant) करना होगा। ये वो लोग हैं जो हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनाव हार गए या फिर लड़े ही नहीं। पिछली लोकसभा के दौरान केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय की ओर से इन्हें सरकारी बंगला मुहैया कराया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, अब ऐसे नेताओं को अगले 2-3 हफ्तों में बंगले खाली करने होंगे। सूत्रों ने बताया कि बंगले खाली हो जाने के बाद उन्हें नए मंत्रियों और सांसदों को मुहैया कराया जाएगा।
नियमों के मुताबिक, पुराने मंत्रियों और सांसदों को एक महीने के भीतर सरकारी बंगला खाली करना पड़ता है। जब ये लोग चुनाव हार जाते हैं और उनके पास न तो कोई मंत्रालय रहता है और न ही सांसदी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय की ओर से ऐसे पूर्व मंत्रियों और सांसदों को नोटिस भेजा जा चुका है। इसमें उनसे सरकारी बंगला खाली कर देने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि हर एक लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा करना सामान्य प्रक्रिया है। साथ ही, मंत्रिपरिषद में जब बदलाव होता है तब भी ऐसा किया जाता है। ऐसी उम्मीद है कि जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है वो नए लोगों के लिए बंगला खाली कर देंगे।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू
बता दें कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। नवनिर्वाचित सदस्य 24-25 जून को शपथ लेंगे। लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होना है। इससे पहले, 7 बार के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। महताब को लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव होने तक पीठासीन अधिकारी के रूप में कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। अठारहवीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्य अस्थायी अध्यक्ष के समक्ष शपथ लेंगे। अस्थायी लोकसभा अध्यक्ष की सहायता पीठासीन अधिकारियों का एक पैनल करेगा जिसमें कांग्रेस नेता के. सुरेश, द्रमुक नेता टीआर बालू, भाजपा के राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय शामिल हैं। महताब लोकसभा चुनाव से पहले बीजू जनता दल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
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