नई दिल्ली। देश में 3 से 23 वर्ष की आयु (Aged 3 to 23) के लगभग 50 करोड़ लोग (50 crore people) हैं। यह वह आबादी है जो शिक्षा और सीखने के क्षेत्र से सीधे-सीधे संबंध रखती है। हालांकि इनमें से लगभग 15 करोड़ (15 crore) बच्चे औपचारिक एजुकेशन (Formal education) सिस्टम से बाहर (Out) हैं।
गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी दी। शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने गुरुवार को सीआईआई के वार्षिक सम्मेलन में ‘रोजगार सृजन एवं उद्यमिता’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जहां अलग-अलग आयु वर्ग के लगभग 15 करोड़ बच्चे औपचारिक शिक्षा व्यवस्था से बाहर हैं वहीं देश में करीब 25 करोड़ की आबादी बुनियादी साक्षरता के नीचे हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों, निजी स्कूलों एवं चैरीटेबल स्कूलों, आंगनवाड़ी और उच्च शिक्षण संस्थानों में 3 से 23 वर्ष आयु वर्ग के 35 करोड़ छात्र जुड़े हैं। यानी इस आबादी के 15 करोड़ बच्चे औपचारिक शिक्षा तंत्र से बाहर हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद पहली जनगणना से पता चला कि उस समय देश में लगभग 19 फीसदी आबादी साक्षर थी। यानी 80 प्रतिशत से अधिक लोग निरक्षर थे, लेकिन आज 75 वर्ष बाद देश में लगभग 80 फीसदी साक्षरता दर है। हालांकि अभी भी लगभग 25 करोड़ लोग बेसिक साक्षरता दर से नीचे हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में दुनिया में यदि कहीं भी तीव्र उन्नति होगी तो वह भारत में होगी। ऐसा नई शिक्षा नीति के माध्यम से हो सकेगा। नई शिक्षा नीति पर विशेष जोर देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे लिए यह कोई दस्तावेज नहीं, बल्कि भविष्य का रोडमैप है। उन्होंने कहा कि अभी जिनकी आयु 5 से 25 वर्ष के बीच है वह विभिन्न स्किल सेंटर से लेकर आंगनवाड़ी केंद्रों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आजादी के शताब्दी वर्ष यानी 2047 में इनकी आयु 30 से 50 वर्ष के बीच होगी और यह आबादी प्रशिक्षित होगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved