सीधी। मध्य प्रदेश के सीधी में एक प्राइवेट स्कूल ने 50 से 60 बच्चों का सामूहिक मुंडन करा दिया। अभिभावक इस बात को लेकर स्कूल प्रबंधन से मिलने पहुंचे तो बच्चों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट थमा दिया गया। अब जिला शिक्षा अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
मामला जनपद शिक्षा केंद्र मझौली अंतर्गत संचालित श्री आर्यन मेमोरियल पब्लिक स्कूल मड़वास नदहा का है। जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल मिश्रा ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और हायर सेकंडरी स्कूल के एक प्राचार्य को इस मामले की जांच सौंपी है। डीईओ का कहना है कि जांच में स्कूल संचालक दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
नवानगर मड़वास में रहने वाले नौवीं कक्षा के छात्र अंकुश मिश्रा ने कहा कि स्कूल संचालक ने मुंडन कर दिया। हमने मना किया तो भी सुना नहीं। घर पर आए तो माता-पिता ने स्कूल में फोन लगाया। फोन अटेंड ही नहीं हुआ। हेडमास्टर सोनू सर ने ही कटिंग करने वाले को बुलाया और कई बच्चों का मुंडन करा दिया। आर्यन मेमोरियल पब्लिक स्कूल कक्षा आठ तक संचालित होता है। साथ ही प्रतिभा हायर सेकंडरी स्कूल भी चलती है, जहां कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को प्रवेश दिया गया है। मंगलवार को त्रैमासिक परीक्षा देने गए बच्चों का एक साथ मुंडन करा दिया गया। विरोध करने वाले कुछ छात्रों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट थमा दिया गया है।
एबीवीपी ने किया प्रदर्शन
इस मामले में एबीवीपी ने स्कूल के सामने प्रदर्शन किया। साथ ही स्कूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस मामले में परिजनों ने भी तहसीलदार और जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत दी है। प्रदर्शन के दौरान हालात बिगड़ता देख मड़वास चौकी प्रभारी ने समझाइश के लिए पुलिसकर्मियों को भी भेजा। एबीवीपी छात्रों का आरोप है कि मंगलवार को हिंदू समुदाय में दाढ़ी-कटिंग वर्जित है। इसके बाद भी स्कूल संचालक ने छात्रों की मर्जी के बिना सबका मुंडन करा दिया। मड़वास के नायब तहसीलदार धनकुमार टोप्पो ने कहा कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा है। प्रतिभा हायर सेकंडरी स्कूल के छात्रों के साथ क्या और क्यों हुआ है, इसकी जांच की जा रही है।
माता-पिता की सहमति से काटे बाल
श्री आर्यन मेमोरियल स्कूल के संचालक राधेराम साहू ने कहा कि मुंडन की बात गलत है। कुछ बच्चों के बाल काटे गए हैं। उन्हें पिछले तीन महीने से बालों को लेकर हिदायत दी जा रही थी। बच्चे अनुशासनहीनता कर रहे थे। उनके माता-पिता की भी नहीं सुनते थे। इसी वजह से माता-पिता की सहमति से ही बाल काटे गए हैं।
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