नई दिल्ली: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन को लेकर घमासान जारी है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और आईसीसी आमने सामने हैं. पीसीबी का कहना है कि वह इस टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल के तहत आयोजित नहीं करेगा जबकि आईसीसी ने उसे कड़े शब्दों में कहा है कि अगर वह ऐसा नहीं करता है तो फिर वह इसके लिए खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे. पाकिस्तान के चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर किया जा सकता है. यही नहीं, अगर चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान से छिन ली जाती है तो पीसीबी को करोड़ों का नुकसान होगा. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सालाना राजस्व में भी भारी कटौती हो सकती है. ऐसे में पाकिस्तान को जिद छोड़कर आईसीसी की बात मान लेनी चाहिए और हाइब्रिड मॉडल पर खेलना चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में आपसी अनबन का मामला सामने आ रहा है. पीसीबी के कुछ आला अधिकारी चैंपियंस ट्रॉफी को हाइब्रिड मॉडल पर आयोजित करने को तैयार हैं जबकि कुछ ऐसे भी हैं जो इसके लिए राजी नहीं हैं. लेकिन आईसीसी ने जिस तरह से पीसीबी को फटकार लगाई है उसे देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान बोर्ड हाइब्रिड के लिए तैयार हो जाएगा. ऐसे में भारतीय टीम अपना मैच दुबई में खेल सकती है. अगर चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान से छिन ली जाती है या इस टूर्नामेंट को स्थगित कर दिया जाता है तो उस कंडीशन में पीसीबी को 60 लाख डॉलर यानी करीब 50.73 करोड़ का नुकसान हो सकता है. पीसीबी की सालाना राजस्व में भी लगभग 296 करोड़ का भारी घाटा हो सकता है.
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