– श्वानों के काटने की घटनाएं नहीं हो रही कम
इंदौर। शहर में श्वानों के काटने की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इन दिनों गर्मी बढऩे और सडक़ों पर आवाजाही ज्यादा होने से यह घटनाएं और ज्यादा हो रही हैं। श्वानों को सडक़ों पर खाने-पीने की चीजें भी नहीं मिल रही हैं।
महारानी रोड स्थित शासकीय सर सेठ हुकमचंद हॉस्पिटल में श्वानों द्वारा काटने वाले 50 से अधिक पीडि़त लोग प्रतिदिन आ रहे हैं। सडक़ों पर घूमने वाले आवारा श्वानों के कारण लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं।
रातभर भौंकते हैं, नहीं सोने देते
अस्पताल में आने वाले पीडि़तों ने बताया कि शहर में श्वानों की तादाद इतनी ज्यादा हो गई है कि हर गली-मोहल्ले में दर्जनों की तादाद में दिखाई दे जाते हैं। वे रातभर भौंकते रहते हैं, जिससे सोना दूभर हो जाता है। खासकर बुजुर्ग लोगों को इससे सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। रात में आने-जाने वालों पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है। कई बार इनके डर से गाड़ी चलाने वाले, खासकर दोपहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाते हैं।
पॉश इलाकों से भी आने लगे हैं पीडि़त
अस्पताल के डॉ. आशुतोष शर्मा ने बताया कि पहले तो घनी बस्तियों वाले इलाकों जैसे बाणगंगा, चंदन नगर, खजराना, मूसाखेड़ी, पालदा क्षेत्र से पीडि़त आते थे, लेकिन अब तो श्रीनगर, अनूप नगर, पलासिया, संगम नगर व ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी आ रहे हैं। लगातार इनकी संख्या बढ़ती जा रही है, कम होने का नाम नहीं ले रही है।
मार्निंग वॉक करना मुश्किल
मार्निंग वॉक पर जाने वाले लोगों को भी इन श्वानों का सामना करना पड़ता है। कई लोग इन श्वानों के डर से नहीं निकल पाते। कई लोग श्वानों को डराने के लिए लाठी लेकर निकलते हैं।
आठ इंजेक्शन लगते हैं
श्वान के काटने से पीडि़त लोगों को आठ इंजेक्शन लगाए जाते हैं। उन्हें लगातार चार दिन तक आना पड़ता है। प्रतिदिन दो इंजेक्शन लगाए जाते हैं। पीडि़त लोगों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्र में भी श्वानों के काटने की घटनाएं काफी हो रही हैं।
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