सीहोर। क्षेत्र में आई लू ने दस्तक दे दी है। एक सप्ताह से प्रतिदिन 50-60 मरीज आई लू के अस्पताल पहुंच रहे हैं। प्रभारी डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि घबराने की जरूरत नहीं है। मौसम में नमी के कारण आंखों का संक्रमण फैलता है। नेत्र सहायक सतनाम सिंह प्रजापति ने बताया कि आंख से संबंधित 100 से 150 मरीज जिला अस्पताल आ रहे हैं।
एडिनोवायरस के इसके कारण आंखें लाल हो जाती है। साथ ही आंखें सूजी और चिढ़ी हुई, आंखों से पानी या चिपचिपा पदार्थ निकलने, आंखों में जलन या खुजली महसूस होने, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, सुबह पलकों पर पपड़ी जमने सहित कई परेशानियां देखने को मिलती है, उन्होंने कहा जांच अवश्य करवाएं। मरीज के संपर्क में आने से बचें ये बीमारी संक्रमण से फैलती है। किसी को आई लू है तो उसके संपर्क में आने से बचें। डॉ. यूके श्रीवास्तव ने बताया कि मौसम में नमी और उमस भरी गर्मी से कंजक्टिवाइटिस आई लू के मरीजों की सं या में इजाफा हो जाता हैं। इस बार हर साल से कुछ ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। पिछले सात दिन की बता करे तो चार सौ से अधिक ने अपनी आंख की जांच कराई है, जिसमें से करीब 265 कंजक्टिवाइटिस के सामने आए है। इससे पहले सप्ताह भर में औसतन एक या दो मरीज आते थे पर अब सं या बढ़ी हैं। राहत की बात यह कि समय से दवा लेने वाले इन मरीजों को तत्काल राहत भी मिल जाती हैं, वही, लापरवाही बरतने पर यह समस्या गंभीर रुख ले लेता हैं। परिवार में यदि कोई एक इसकी चपेट में आ गया तो बाकी सदस्यों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत हैं।
आम जन के नेत्र सक्रमण की रोकथाम के लिये जन-जागरूकता के निर्देश
नेत्र संक्रमण की रोकथाम के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उप संचालक ने सभी मु य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नेत्र संक्रमण की रोकथाम के लिए जन-जागरूकता के निर्देश दिए है। निर्देश में कहा गया है कि आम जन नेत्र संक्रमण आई लू तेजी से फैल रहा है। इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय किये जाने चाहिए। आम जन अपनी आंखों को छूने से पहले हाथ आवश्यक रूप से धोयें। संक्रमित व्यक्ति अपना टॉवल, तकिया, आई ड्रॉप आदि उपयोग की गई वस्तुऐं घर के अन्य सदस्यों से अलग रखें। स्विमिंग पूल तालाबों के प्रयोग से बचे। कांटेक्स लेंस पहना बंद करें और अपने नेत्र चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही फिर इसे शुरू करें।
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